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Gorakhpur Coronavirus Update: गोरखपुर में तेजी से सुधर रही स्थिति, कम हुई सक्रिय मरीजों की संख्या

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार गोरखपुर में पिछले साल से अब तक जिले में संक्रमितों की संख्या 53 हजार 932 हो गई है। इनमें 564 की मौत हो चुकी है। 46 हजार 220 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 10:05 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 07:47 PM (IST)
Gorakhpur Coronavirus Update: गोरखपुर में तेजी से सुधर रही स्थिति, कम हुई सक्रिय मरीजों की संख्या
गोरखपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या कम हो रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमित चार महिलाओं समेत आठ ने दम तोड़ दिया। इनमें पांच गोरखपुर के हैं। सरकारी रिकार्ड में मौत की संख्या पांच दिखायी गई है। इसके साथ ही 685 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। हालांकि ठीक होने वालों की संख्या में इजाफा होने के कारण सक्रिय मरीजों की संख्या 7148 हो गई है। इस महीने की शुरुआत में सक्रिय मरीजों की संख्या नौ हजार से ज्यादा हो गई थी।

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46 हजार 220 लोग अब तक हो चुके हैं स्वस्थ

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पिछले साल से अब तक जिले में संक्रमितों की संख्या 53 हजार 932 हो गई है। इनमें 564 की मौत हो चुकी है। हालांकि वास्तविक आंकड़ा इससे बहुत ज्यादा है। 46 हजार 220 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

मृतकों की सूची

मृतकों में गुलहरिया की एक महिला, तिवारीपुर का एक व्यक्ति, बेलघाट की एक महिला, पादरी बाजार की 58 साल की महिला, फुलवरिया की 55 वर्षीय महिला शामिल हैं। लखनऊ के इंदिरा नगर के 58 वर्षीय व्यक्ति और कुशीनगर के दो व्यक्तियों की मौत भी मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में हुई है।

46 दिन में 32 हजार संक्रमित

पिछले साल कोरोना की पहली लहर शुरू होने से इस साल 31 मार्च तक जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 21 हजार 768 थी। एक अप्रैल से दूसरी लहर शुरू हुई तो मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी। एक अप्रैल से 15 मई तक 46 दिनों में जिले में 32 हजार 164 संक्रमित मिल चुके हैं। यानी रोजाना औसतन सात सौ संक्रमित मिल रहे हैं।

ऐसी पड़ी आफत कि नहीं ले जा पा रहे जिगर के टुकड़े का शव

पीपीगंज थाना क्षेत्र के तिघरा निवासी रमेश साहनी पर ऐसी आफत पड़ी है कि वह अपने चार साल के जिगर के टुकड़े का शव भी अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं। दो दिन से बेटे का शव बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के तीन सौ बेड के कोविड अस्पताल में पड़ा है। डाक्टर लगाकर स्वजन को सूचना देकर शव ले जाने को कह रहे हैं लेकिन रमेश अस्पताल नहीं आ पा रहे हैं। अब डाक्टरों ने शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस को सूचना दी है।

तिघरा निवासी रमेश साहनी गुजरात में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। कुछ दिनों पहले उनके चार साल के बेटे अंश की तबियत बिगड़ी तो वह घर वापस आए थे। बेटे के पेट में दिक्कत थी। आपरेशन कराने डाक्टर के पास ले गए तो उन्होंने कोरोना संक्रमण की जांच कराई। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर डाक्टर ने मेडिकल कालेज ले जाने की सलाह दी। सात मई से अंश का इलाज कोविड अस्पताल में चल रहा था। 

14 मई को तड़के उसकी मौत हो गई। बेटे की देखभाल में जुटी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इधर, रमेश के आठ व 10 वर्ष के दो बेटे भी कोरोना की चपेट में आ गए। कलेजे पर पत्थर रखकर मां कलेजे के टुकड़े का शव छोड़कर घर की ओर भागी। दोनों बेटों का अभी घर पर इलाज शुरू हुआ कि रमेश की मां की हालत बिगड़ गई। शनिवार देर शाम उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है।


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