कोरोना का विस्फोट, 161 मिले संक्रमित
जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना पाजिटिव मिल रहे हैं। मंगलवार को 2260 लोगों की आई रिपोर्ट में 11 कचहरीकर्मीदो स्वास्थ्य तीन एक्साइज और जोगिया थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मी समेत 161 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
सिद्धार्थनगर: जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना पाजिटिव मिल रहे हैं। मंगलवार को 2260 लोगों की आई रिपोर्ट में 11 कचहरीकर्मी,दो स्वास्थ्य, तीन एक्साइज और जोगिया थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मी समेत 161 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। 40 स्वस्थ्य हुए हैं। संक्रमितों में 10 लोग गैर जनपद की यात्रा कर लौटे हैं। जबकि 30 रेंडम जांच में संक्रमित मिले हैं। इनमें 100 पुरुष और 60 महिलाएं शामिल हैं। एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 454 पहुंच गई है।
सीएमओ डा. अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि बांसी में विद्युतकर्मी समेत 11, जोगिया ब्लाक में 9, बर्डपुर पांच, भनवापुर 11 डुमरियागंज तीन, इटवा पांच, जोगिया 15, खेसरहा 16, खुनियांव सात, लोटन छह, मिठवल चार, नौगढ़ 37, शोहरतगढ़ 12, उसका बाजार 11 व अन्य स्थानों पर तीन लोग संक्रमित पाए गए हैं। सभी को होम क्वारंटाइन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पर निगरानी बनाए हुए है। सभी को कोरोनारोधी दवाओं की किट उपलब्ध कराई गई है। एक सप्ताह एकत्र करते हैं नमूना, फिर कराते हैं जांच
सिद्धार्थनगर : स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से एक सप्ताह तक पहले नमूना एकत्र किया जाता है, फिर उसे जांच के लिए भेजा जा रहा है। जबकि गाइड लाइन है कि चौबीस घंटे के अंदर किसी भी नमूना की जांच हो जानी चाहिए। बावजूद जिम्मेदार बेपरवाह हैं।
आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूना समय से लैब में नहीं भेजी जा रही है। लोगों का कहना है कि एक हफ्ते तक नमूना अस्पताल में रखकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। ऐसे में रिपोर्ट की सत्यता पर सवाल खड़ा हो गया है। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवां का है। आसपास के लोग कोरोना की जांच कराने जाते हैं। उनका अस्पताल में बने एक रजिस्टर पर नाम, गांव व मोबाइल नंबर दर्ज कर लिया जाता। एक हफ्ते तक एकत्र नमूना आरटीपीसीआर सेंटर सीएचसी जोगिया भेजा जाता है। जब तक रिपोर्ट आती है तब तक लोग निगेटिव हो जाते हैं। विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सीएचसी अधीक्षक डा. आरजी सिंह का कहना है जांच हर दूसरे दिन भेजी जाती है। लैब सहायक बीमार था, इसलिए इस बार नमूना भेजने में देरी हुई है।