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UP Board: कोरोना ने पढ़ाई ही नहीं लिखाई भी कर दी चौपट, बोर्ड परीक्षा में छात्रों ने किया 'बी' कॉपी से परहेज

कोरोना काल में आनलाइन पढ़ाई का असर विद्यार्थियों पर भरपूर हुआ है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा के दौरान वर्ष 2020 की तुलना में इस बार हाईस्कूल में 14 व इंटर में 22 हजार ने बी कापी का उपयोग कम किया है।

By Pragati ChandEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 11:43 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 11:43 AM (IST)
UP Board: कोरोना ने पढ़ाई ही नहीं लिखाई भी कर दी चौपट, बोर्ड परीक्षा में छात्रों ने किया 'बी' कॉपी से परहेज
कोरोना ने पढ़ाई ही नहीं लिखाई भी कर दी चौपट। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, प्रभात पाठक। कोरोनाकाल में चली आनलाइन क्लास ने छात्रों की पढ़ाई ही नहीं लिखाई भी चौपट कर दी। कापी-पेन से दूरी के चलते बच्चों में लिखने की आदत छूट गई, जिसका नतीजा रहा कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में इस बार विद्यार्थियों ने बी कापियों का उपयोग कम किया। हाईस्कूल में पिछले साल के मुकाबले 14 हजार कम छात्र-छात्राओं ने बी कापियां ली वहीं इंटर में ऐसे छात्र-छात्राओं की संख्या 22 हजार रही। शिक्षकों का भी मानना है कि दो साल तक नियमित कक्षाएं न चलने से बच्चों में नोट बनाने और लिखने की आदत छूट गई, जिसका नतीजा बोर्ड कापियों पर दिखा है।

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बोर्ड परीक्षा के दौरान इस बार छात्रों ने सिर्फ हिंदी व गणित ही नहीं बल्कि रसायन, भौतिकी व अंग्रेजी जैसे विषयों में भी 'बी' कापी का उपयोग कम किया है। कई विद्यार्थी तो "ए" कापी भी पूरी नहीं भर पाएं। परीक्षा के दौरान ही नहीं जिले के पांच केंद्रों पर इस बार जांची गई साढ़े आठ लाख कापियाें में भी यह बात सामने आ चुकी है। राजकीय जुबिली इंटर कालेज स्थित कोठार से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा पर गौर करें तो उस समय हाईस्कूल में 1.35 लाख तथा इंटर में 71 विद्यार्थियों ने बी कापी का उपयोग किया था। जबकि 2021 में हाईस्कूल के 1.21 लाख तथा इंटर के सिर्फ 49 हजार विद्यार्थियों ने बी कापी से काम चलाया।

प्रधानाचार्यों ने भी कोरोनाकाल में विद्यार्थियों में लिखने की आदत छूटने को ही परीक्षा में बी कापियों के कम उपयोग किए जाने को प्रमुख कारण माना है। एमजी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य ओपी सिंह ने बताया कि कोरोनाकाल के विद्यार्थियों के लेखन क्षमता में कमी तथा विषय अध्ययन के प्रति रूझान में कमी सामने आई है। बोर्ड परीक्षा के दौरान यह देखा गया कि पूर्व की तुलना में इस बार अपेक्षाकृत कम बी कापियों का उपयोग विद्यार्थियों ने किया। पहले गणित में हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थी पांच-पांच बी कापियों का उपयोग करते थे। इस बार किसी ने एक तो किसी ने वह भी नहीं लिया। भौतिक, रसायन, अंग्रेजी में भी कमोवेश यही स्थिति रही।

एपीके इंटर कालेज बसडीला के प्रधानाचार्य डा. दिनेश मणि त्रिपाठी के अनुसार कोरोना महामारी का छात्रों के उपर काफी प्रभाव रहा है। यही वजह है कि पहले की अपेक्षा प्रश्नपत्र हल करते समय परीक्षार्थियों ने इस बार बी कापी का कम उपयाेग किया। जबकि परीक्षा में पहले की तरह ही इस बार भी लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय व बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे। ऐसे में बी कापी का उपयोग छात्रों द्वारा नहीं करना उनकी घटती लेखन क्षमता को प्रदर्शित करता है।

क्या कहते हैं छात्र

  • इंटर के परीक्षार्थी आदित्य मिश्रा का कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान नियमित कक्षाएं नहीं चली। पाठ्यक्रम प्रभावित हुआ, लिखने की क्षमता घटी। यही वजह है कि प्रश्नों के उत्तर देने का आकार भी छोटा हो गया। जिससे इस बार बी कापी लेने की जरूरत कम पड़ी।
  • इंटर के परीक्षार्थी हर्षित त्रिपाठी व राहुल सिंह ने बताया कि इस बार कुछ छात्रों ने बी कापियां ली हैं तो कुछ ने नहीं ली। लिखने की आदत छूटने से तमाम छात्रों ने बड़े उत्तर देने की बजाय छोटे उत्तर लिखे। इससे उन्हें बी कापी कम लेने की जरूरत पड़ी।

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