गोरखपुर में कालाबाजारी की शिकार तो नहीं हुईं कोरोना में कारगर दवाएं, बाजार से गायब
कोविड मरीजों के स्वजन मेडिकल स्टोरों से लेकर दवा की थोक मंडी तक खोज रहे हैं लेकिन उन्हें निराश होना पड़ रहा है। विटाकोर सी प्लस जिसमें विटामिन सी कैल्शियम व विटामनि डी थ्री आदि सभी जरूरी साल्ट मौजूद हैं खोजने से नहीं मिल रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही जरूरी दवाओं का संकट भी अब शुरू हो गया है। खासकर एंटीबायोटिक डाक्सीसाइक्लीन व नेबुलाइजेशन की लगभग सभी दवाएं बाजार से गायब हो गई हैं। सांस की दिक्कत बढऩे या सांस उखडऩे पर, सीने में जकडऩ, निमोनिया, पल्स रेट घट जाने आदि में नेबुलाइजेशन की जरूरत पड़ती है। कोरोना मरीजों में ये समस्याएं आम हैं। स्टेरायड ग्रुप की दवा मेड्राल भी खोजने से भी नहीं मिल रही है। कोविड के मरीजों के लिए ये दवाएं जरूरी हैं। जानकार आशंका जता रहे हैं कि इन दवाओं कालाबाजारी शुरू हो गई है। छापे पड़ें तो दुकानदारों की कलई खुल जाएगी।
मेडिकल स्टोर से लेकर थोक मंडी तक ढूंढ रहे दवाएं
कोविड मरीजों के स्वजन मेडिकल स्टोरों से लेकर दवा की थोक मंडी तक खोज रहे हैं लेकिन उन्हें निराश होना पड़ रहा है। विटाकोर सी प्लस जिसमें विटामिन सी, कैल्शियम व विटामनि डी थ्री आदि सभी जरूरी साल्ट मौजूद हैं, खोजने से नहीं मिल रही है। कफ सिरप एसकोरिल डी भी लगभग गायब है। इसके अलावा मिथाइल प्रेडनिसलोन की टैबलेट व इंजेक्शन की दवा खोजे नहीं मिल रही है। फुटकर दवाओं की सबसे ज्यादा दुकानें बेतियाहाता में हैं। न तो दवाएं वहां मिल रही हैं और न ही भालोटिया मार्केट में हैं। अभी तक रेमडेसिविर की कमी से जिला जूझ रहा है। अब सामान्य जरूरी दवाओं का भी संकट खड़ा होने लगा है।
शीघ्र होगी जांच, सख्त होगी कार्रवाई
ड्रग इंसपेक्टर जय सिंह का कहना है कि इस संकट के समय में जो भी कालाबाजारी का पाप करेगा। उसे बख्शा नहीं जाएगा। शीघ्र ही सघन जांच शुरू की जाएगी। दवाएं डंप करने और मनमाना रेट पर बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि यह सच है कि कोरोना के मरीजों की दी जाने वाली ज्यादातर दवाएं बाजार से गायब हैं। उनकी उपलब्धता के लिए राष्ट्रीय एसोसिएशन से बात की जा रही है। शीघ्र ही उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी।