Electricity corporation: बिजली चोरी में संविदाकर्मी भी विभाग के रडार पर
कुछ महीने पहले संविदाकर्मियों के संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी के यहां बिजली निगम के अफसरों ने छापा मारा था। जिस मोहल्ले में जांच अभियान चलाया जा रहा था वहीं संविदाकर्मी का भी घर था। उसके खिलाफ एफआइआर करा दी गई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली चोरी की शिकायतों के बीच अब निगम ने संविदाकर्मियों पर भी शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। संविदा कर्मचारियों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इनके कनेक्शन की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। शिकायत है कि कुछ संविदाकर्मी बिजली चोरी कराने में संलिप्त हैं। छापामारी या चेकिंग की सूचना वह पहले ही लीक कर देते हैं। इस कारण चोरी से बिजली जलाने वाले नहीं पकड़े जाते हैं।
संविदाकर्मी के घर बिजली विभाग विभाग ने मारा था छापा
कुछ महीने पहले संविदाकर्मियों के संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी के यहां बिजली निगम के अफसरों ने छापा मारा था। जिस मोहल्ले में जांच अभियान चलाया जा रहा था, वहीं संविदाकर्मी का भी घर था। जांच में बिजली चोरी की पुष्टि के बाद अफसरों ने संविदाकर्मी के खिलाफ एफआइआर करा दी थी। पता चला कि संविदाकर्मी की पत्नी के नाम से एजेंसी है। इस एजेंसी के माध्यम से संविदाकर्मियों की भर्ती की जाती है। इस मामले में मुख्य अभियंता ने जांच टीम का भी गठन किया था। हालांकि अब तक रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। इससे पहले भी कई संविदाकर्मी बिजली चोरी कराने में संलिप्त मिल चुके हैं।
कनाडा से भी आयी शिकायत
राप्तीनगर के करीमनगर में बिल कम कराने के नाम पर एक संविदाकर्मी ने रुपये मांगे थे। इस मामले में कनाडा में रह रहे वीरेंद्र चौधरी ने अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा से शिकायत भी की थी। जांच राप्तीनगर के अवर अभियंता को सौंपी गई है लेकिन अब तक संविदाकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
जिले में एक हजार से ज्यादा संविदाकर्मी
जिले में एक हजार से ज्यादा संविदाकर्मी तैनात हैं। एक खंड क्षेत्र में सौ से ज्यादा संविदाकर्मी हैैं। इनमें ज्यादातर कर्मी जिस खंड क्षेत्र के नागरिक हैं, उनकी तैनाती भी उसी में है। शुक्रवार रात सूरजकुंड उपकेंद्र में संविदाकर्मी ने एसएसओ को पीटा तो अफसरों ने सभी संविदाकर्मियों को उनके निवास स्थान वाले उपकेंद्र से हटाकर दूसरी जगह तैनाती का निर्देश दिया। मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह का कहना है कि अवैध तरीके से बिजली का उपभोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। संविदाकर्मियों की संलिप्तता मिलती है तो उनके भी कनेक्शन की जांच कराई जाएगी। इसके लिए अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए जा रहे हैं।