गोरखपुर शहर के पैडलेगंज में वसूली का ठेका निरस्त Gorakhpur News
पैडलेगंज में नगर निगम ने वाहन स्टैंड का ठेका जारी करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। तब पूरे साल का ठेका 10 लाख रुपये से ज्यादा का था। पैडलेगंज वीआइपी जगह है।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम प्रशासन ने पैडलेगंज में दिया गया स्टैंड का ठेका आखिरकार निरस्त कर दिया। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने ठेका निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। इधर, ठेकेदार ने नगर निगम के रेंट विभाग के दो बाबुओं पर वसूली का आरोप लगाया है। ठेकेदार का कहना है कि वह गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरी जानकारी देंगे।
इसलिए हुआ निरस्त
पैडलेगंज में नगर निगम ने वाहन स्टैंड का ठेका जारी करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। तब पूरे साल का ठेका 10 लाख रुपये से ज्यादा का था। इसकी जानकारी महापौर सीताराम जायसवाल को हुई तो उन्होंने अफसरों को बताया कि मुख्यमंत्री ने हाइवे पर स्टैंड न बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने टेंडर निरस्त करने को कहा। बाद में सात महीने का ठेका तकरीबन नौ लाख रुपये में दे दिया गया। 26 अक्टूबर को ठेका दिया गया। दो नवंबर के अंक में 'दैनिक जागरणÓ ने ठेका की खबर प्रकाशित की थी।
बड़े साहब का सेवा शुल्क चाहिए
ठेकेदार फर्म आरसी ब्रदर्स के पार्टनर सत्येंद्र पाठक ने बताया कि रेंट विभाग के बाबू बड़े साहब के सेवा शुल्क के नाम पर कई दिनों से एक लाख रुपये मांग रहे थे। उन्हें एक लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके थे। हमने कहा कि पहले ही एक लाख दे चुके हैं तो बताया गया कि वह छोटे साहब ने ले लिया है। कहा कि हम रुपये नहीं दे सके तो ठेका निरस्त कर दिया गया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करूंगा। नगर निगम में भ्रष्टाचार का पूरा सबूत उनके पास है।
नौसड़ में भी चल रही वसूली
नौसड़ में वाहनों से वसूली का खेल चल रहा है। बुधवार को कुछ लोगों ने नौसड़ पुलिस चौकी में शिकायत की है कि स्टैंड न होने के बाद भी नौसड़ में वाहनों से वसूली की जा रही है। जो विरोध करता है उसके साथ बदसलूकी भी की जाती है।
वसूली की शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई
इस संबंध में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह का कहना है कि पैडलेगंज वीआइपी जगह है। वहां से हमेशा वीआइपी का आवागमन होता है। साथ ही सड़क का विस्तार भी हो रहा है। महापौर ने भी स्टैंड न देने को कहा था। शर्त भी यही थी कि कोई शिकायत मिलने पर ठेका निरस्त कर दिया जाएगा। बुधवार (चार दिसंबर) को आदेश जारी होने के बाद यदि वसूली की कोई शिकायत मिली तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रही बात आरोपों की तो शिकायत मिली है। भ्रष्टाचार में जो भी संलिप्त होगा बख्शा नहीं जाएगा।