Oxygen in Gorakhpur: गोरखपुर में लगातार आक्सीजन का उत्पादन, आरके प्लांट में रोज भरे जा सकेंगे 1800 सिलिंडर
Oxygen in Gorakhpur इस प्लांट में क्रासोजेनिक टैंकर के जरिए लिक्विड मेडिकल आक्सीजन मंगाकर स्टोर किया जाता है और उसके बाद सिलिंडर में भरा जाता है। अभी यहां 45 नोजल लगे हैं जिससे एक बार में 45 सिलिंडर ही भर सकते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में आक्सीजन का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। सेक्टर 13 स्थित आरके आक्सीजन में अब प्रतिदिन 900 की बजाय करीब 1800 सिलिंडर भरे जा सकेंगे। इसके लिए आक्सीजन फिलिंग प्वाइंट (नोजल) की संख्या 45 से बढ़ाकर 95 की जा रही हैै। इससे जुड़े उपकरण प्लांट में मंगा लिए गए हैं। अब एक साथ 95 सिलिंडर भरे जा सकेंगे।
इस प्लांट में क्रासोजेनिक टैंकर के जरिए लिक्विड मेडिकल आक्सीजन मंगाकर स्टोर किया जाता है और उसके बाद सिलिंडर में भरा जाता है। अभी यहां 45 नोजल लगे हैं, जिससे एक बार में 45 सिलिंडर ही भर सकते हैं। इस तरह से अधिकतर 900 सिलिंडर भरे जा रहे थे लेकिन आक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए नेाजल की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्लांट के निदेशक अजय जायसवाल ने बताया कि प्लांट में जल्द ही 95 नोजल लगा दिए जाएंगे। अब आसानी से 1800 सिलिंडर भरे जा सकेंगे।
औद्योगिक इकाइयों को दे सकेंगे 30 फीसद आक्सीजन
औद्योगिक इकाइयों को आक्सीजन देने को लेकर शासन की ओर से नया आदेश जारी किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से जारी आदेश में आक्सीजन भंडारण क्षमता का 30 फीसद महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों एवं जरूरी निर्माण कार्यों में देने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। यह आदेश लिक्विड मेडिकल आक्सीजन मंगाकर रीफिल करने वाले प्लांटों पर भी लागू होगी। इससे पहले हवा से आक्सीजन बनाने वाले प्लांटों को दवा जैसे जरूरी उत्पाद बनाने वाली इकाइयों को 10 फीसद आक्सीजन देने की अनुमति मिली थी। आरके आक्सीजन के अजय जायसवाल ने बताया कि आदेश में कहा गया है कि भंडारण का 70 फीसद व 72 घंटे का बैकअप अस्पतालों एवं मेडिकल जरूरतों के लिए रखना होगा। इस समय कोविड मरीजों की संख्या कम होने से आक्सीजन की मांग भी घटी थी। प्लांट में उत्पादन भी 500 सिलिंडर तक कर दिया गया था। नए आदेश से अब कुछ सिलिंडर औद्योगिक इकाइयों को भी दे सकेंगे। इससे उन्हें भी फायदा होगा।