विकास कार्यों पर आचार संहिता का ब्रेक, सीएम सिटी में करोड़ों के कार्य रुके
गोरखपुर में ठेकेदारों ने टेंडर का बहिष्कार किया था जिस कारण 11.5 करोड़ की लागत वाले 56 कार्यों पर ग्रहण लग गया। अब आचार संहिता के कारण चुनाव तक यह कार्य नहीं हो सकेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में नगर निगम और ठेकेदारों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। बकाया भुगतान न होने से ठेकेदारों ने टेंडर का बहिष्कार किया था, जिस कारण 11.5 करोड़ की लागत वाले 56 कार्यों पर ग्रहण लग गया। अब चुनाव आचार संहिता की वजह से जून से पहले टेंडर नहीं निकाले जा सकेंगे। उसके बाद 15 जून तक मानसून दस्तक दे देता है। बरसात में भी निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा। ऐसे में सड़क व नाली-नाला निर्माण न होने से इस बार भी लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ेगा।
बकाया भुगतान न करने के विरोध में ठेकेदारों ने टेंडर का बहिष्कार किया था। दो सप्ताह पहले 56 कामों के लिए टेंडर खोला गया तो सिर्फ पांच कामों के लिए सिंगल टेंडर पड़ा। निगम फिर से री-टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा था, तभी चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई। भाजपा पार्षद दल के नेता ऋषि मोहन वर्मा के मुताबिक हड़हवा फाटक-हुमायूंपुर चौराहे होते हुए तरंग क्रासिंग तक सीसी नाले का निर्माण होना था, जो अब नहीं हो पाएगा। इस वजह से बरसात में सैकड़ों परिवारों को जलभराव का सामना करना पड़ेगा। इसी क्रम में तरंग ओवरब्रिज के नीचे वाली सड़क और एक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण भी अधर में है।
वार्ड नंबर 11 हुमायूंपुर उत्तरी के पार्षद राधेश्याम रावत ने बताया कि बरसात से पहले सिंधी कॉलोनी के छह गली में सड़क का निर्माण जरूरी है। निगम ने दो बार निविदा आमंत्रित की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चंद के मुताबिक चुनाव बाद नए सिरे से टेंडर कराया जाएगा।