AIIMS Gorakhpur: दिसंबर तक पूरा होगा निर्माण कार्य, मुख्य सचिव ने दिया निर्देश Gorakhpur News
AIIMS Gorakhpur एम्स का निर्माण करने वाली एजेंसी को निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिले में चल रही 10 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि दिसंबर तक एम्स का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने सभी आला अफसरों को निरंतर निरीक्षण कर विकास कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता जांचने का निर्देश दिया।
डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि जिले में 10 करोड़ रुपये से अधिक के 72 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें 17 प्रोजेक्ट का काम फंड नहीं जारी हो पाने की वजह से प्रभावित हो रहा था। वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के दौरान डीएम ने यह जानकारी मुख्य सचिव को भी दी। मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि सात से 10 दिन के अंदर शासन से फंड जारी कर दिया जाएगा। फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग की वजह से अलग-अलग स्थानों से जिले के विभिन्न विभागों के अफसर वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुडऩे वाले थे, मगर तकनीकी खराबी की वजह से सीडीओ, संयुक्त विकास आयुक्त समेत कुछ अफसर जुड़ ही नहीं पाए। बैठक में डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन , एसएसपी डॉ.सुनील गुप्ता के अलावा लोनिवि, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत कई अफसर मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड फुल, खाली कराया जा रहा क्वारंटाइन सेंटर
गोखपुर मंडल का एकमात्र लेवल- 2 व 3 अस्पताल बीआरडी मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड पूरी तरह फुल हो चुका है। यहां कुल दो सौ बेड हैं। 160 सामान्य व 40 पर वेंटीलेटर लगा है। लगभग सभी वेंटीलेटर पर मरीज हैं। बढ़ती संख्या को देखते हुए सर्जरी के डॉक्टरों की ड्यूटी भी वार्ड में लगा दी गई और जूनियर डॉक्टरों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है। कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 110 बेड का सुपर स्पेशलिटी में क्वारंटाइन वार्ड बनाया गया है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 55 बेड मरीजों के लिए खाली कराए जा रहे हैं। आधे में मरीज व आधे में स्वास्थ्यकर्मी रहेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के नेहरू अस्पताल के वार्ड नंबर एक में क्वारंटाइन की व्यवस्था की जा रही है।
इलेक्टिव सर्जरी ठप, भरे हैं सर्दी-जुकाम के मरीज
सर्जरी के डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लग जाने से, इलेक्टिव सर्जरी (सामान्य) ठप हो गई है। इमरजेंसी में केवल गंभीर मरीजों की ही सर्जरी की जा रही है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह लेबल- 2 व 3 अस्पताल है, यहां गंभीर मरीजों को ही भेजा जाना चाहिए। लेकिन, जिनमें जरा भी लक्षण है, उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जा रहा है।