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गोरखपुर के चकबंदी विभाग का आश्‍चर्यजनक कारनामा, वन विभाग की जमीन पर चक काटकर दे दिया कब्जा

बताते हैं कि चकबंदी विभाग ने 2018 में इस भूमि पर कलावती देवी के नाम से चक काट दिया था। इसके विरुद्ध वन विभाग ने उप जिलाधिकारी कैंपियरगंज के न्यायालय में अपील कर रखी है। वन विभाग की तरफ से इसकी पैरवी भी हो रही थी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 04:50 PM (IST)
गोरखपुर के चकबंदी विभाग का आश्‍चर्यजनक कारनामा, वन विभाग की जमीन पर चक काटकर दे दिया कब्जा
चकबंदी विभाग के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के अलीगढ़ गांव में स्थित वन विभाग की भूमि पर चकबंदी विभाग ने कास्तकार के नाम से चक काट दिया। इतना ही नहीं, चकबंदी व राजस्व विभाग ने उस भूमि पर न केवल कास्तकार को कब्जा दिला दिया बल्कि अपनी मौजूदगी में बुवाई भी करा दी। चकबंदी विभाग विभाग की इस करतूत से वन विभाग परेशान है। डीएम और कमिश्‍नर को पत्र लिखकर जमीन खाली कराने की मांग की है।

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उपजिलाधिकारी कोर्ट की तरफ से फैसला

बताते हैं कि चकबंदी विभाग ने 2018 में इस भूमि पर कलावती देवी के नाम से चक काट दिया था। इसके विरुद्ध वन विभाग ने उप जिलाधिकारी कैंपियरगंज के न्यायालय में अपील कर रखी है। वन विभाग की तरफ से इसकी पैरवी भी हो रही थी। वन विभाग को उम्‍मीद थी कि उप जिलाधिकारी कैंपियरगंज की कोर्ट से उसे न्‍याय मिलेगा। पर न्‍याय मिलने को कौन कहे, दो दिन पहले चकबंदी व राजस्व विभाग ने उस भूमि पर न केवल कास्तकार को कब्जा दिला दिया बल्कि अपनी मौजूदगी में बुवाई भी करा दी। इस बारे में पता चलने पर डीएफओ अविनाश कुमार ने कमिश्नर और डीएम को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। साथ ही वन विभाग की भूमि से अवैध कब्जा खाली कराने का अनुरोध भी किया है।

वन अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित भूमि पर काटा गया है चक

जानकारी के मुताबिक कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के अलीगढ़ गांव के पास वन विभाग की एक एकड़ भूमि है। यह भूमि वन अधिनियम 1972 की धारा 20 के तहत संरक्षित है। इसी भूमि पर चकबंदी विभाग ने 2018 में कलावती देवी के नाम से चक काटा था। उसी समय इसके विरुद्ध वन विभाग ने उप जिलाधिकारी कैंपियरगंज के न्यायालय में अपील कर रखी थी। बताते हैं कि दो दिन पहले इस मामले में उप जिलाधिकारी न्यायालय ने कलावती देवी के पक्ष में एक तरफा फैसला दे दिया। बाद में उप जिलाधिकारी के निर्देश पर ही उक्त भूमि पर आनन-फानन में पत्थरनसब कराकर कलावती देवी को कब्जा दे दिया गया।


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