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कभी पूरे देश में था राज, अब कार्यालय के हैं मोहताज

कभी पूरे देश पर राज्‍य करने वाली भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के पास इस समय गोरखपुर में कार्यालय तक नहीं है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 10:01 AM (IST)
कभी पूरे देश में था राज, अब कार्यालय के हैं मोहताज
कभी पूरे देश में था राज, अब कार्यालय के हैं मोहताज

गोरखपुर, राजेश्वर शुक्ला। कभी पूरे देश पर राज करने वाली कांग्रेस गोरखपुर में एक छत की मोहताज है। सत्ता के लिए संघर्षरत देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। पौने दो साल से पार्टी कार्यालय न होने से कार्यकर्ता तीन राज्यों में मिली जीत के सुखद अहसास को भी साझा नहीं कर पा रहे।

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कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष स्व. भृगुनाथ चतुर्वेदी ने पुर्दिलपुर में पार्टी कार्यालय की स्थापना कराई थी। मालिकाना हक के विवाद में अप्रैल 2017 में पार्टी को यह जगह खाली करनी पड़ी। इसके बाद से पार्टी का कोई अधिकृत कार्यालय नहीं बन सका। चारुचंद्रपुरी स्थित एक मकान में अस्थायी तौर पर कार्यालय चलाया जा रहा है। कुछ यही हाल महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यालय का भी है। महानगर की टीम का भी अपना कोई कार्यालय नहीं है।

सिर्फ 40 हजार के लिए बिगड़ गई बात

कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सैय्यद जमाल ने बताया कि पुर्दिलपुर के मकान मालिक ने पार्टी कार्यालय को खाली कराने के लिए 1977 में मुकदमा किया था। 1980-89 के बीच एक समय ऐसा आया कि जब मकान मालिक सुलह को तैयार हो गए थे। 40 हजार रुपये देने पर बात बन जाती, लेकिन यह अवसर भी हाथ से चला गया। 2004 से 2007 के बीच ऐसी स्थिति बनी कि मुकदमा पैरवी के अभाव में खारिज हो गया। इसके बाद पार्टी ने पुन: मुकदमा कायम करने के लिए पैरवी शुरू की, लेकिन अप्रैल 2017 में पार्टी को कार्यालय खाली करना पड़ गया।

शहर कार्यालय में भी थी खींचतान

शहर कांग्रेस कमेटी का कार्यालय जिला कार्यालय से बड़ा था। पुर्दिलपुर में जहां जिला कार्यालय था उससे कुछ ही दूरी पर ही शहर कांग्रेस कमेटी का कार्यालय था। 1971 में स्व. नरसिंह नारायण पांडेय सदर से लोकसभा सदस्य चुने गए तब चौधरी रियासत हुसैन शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। चौधरी के अध्यक्ष बनने से तत्कालीन अध्यक्ष श्रद्धानंद त्रिपाठी ने शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय देने से मना कर दिया। इसके बाद पार्टी को कार्यालय खाली करना पड़ा। कार्यालय न होने की स्थिति में रियासत हुसैन ने अपने आवास पर ही कैंप कार्यालय बनाया। उसके बाद जो भी शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने उन्होंने अपने आवास में ही कैंप कार्यालय बनाना शुरू कर दिया।

नए साल में खुल जाएगा कार्यालय : जिलाध्यक्ष

जिलाध्यक्ष राकेश यादव बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यालय खोलने के निर्देश दिए हैं। कार्यालय के लिए जमीन खोजी जा रही है। नए साल में पार्टी के लिए कार्यालय ले लिया जाएगा। इसमें वरिष्ठ कांग्रेसी भी आर्थिक मदद करेंगे।


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