खुलासा : अवैध साफ्टवेयर से पलक झपकते बुक हो जा रहे कंफर्म टिकट Gorakhpur News
रेलवे की ऑनलाइन टिकट प्रणाली में सेंध लगाने वाले जालसाजों ने इसके लिए जाल बिछा रखा है। अवैध साफ्टवेयर से पलक झपकते ही कंफर्म टिकट बुक हो जा रहे हैं।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। रेलवे की ऑनलाइन टिकट प्रणाली में सेंध लगाने वाले जालसाजों ने इसके लिए जाल बिछा रखा है। यह अवैध धंधा शहर, कसबों में ट्रेवेल एजेंसी और मोबाइल की दुकानों से संचालित हो रहा है। आरपीएफ की दो दिन की छापेमारी में इसका खुलासा हुआ है।
होली पर घर आने से पहले ही यात्री वापसी के लिए कंफर्म टिकट के जुगाड़ में लग गए हैं। दिल्ली, मुंबई समेत दक्षिण भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनें फुल होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। रेलवे काउंटर पर वेटिंग टिकट मिलने के चलते दलालों के पास जाना उनकी मजबूरी है। इसी का फायदा उठाकर दलाल फर्जी साफ्टवेयर से कंफर्म टिकट निकालकर मुंहमांगी कीमत वसूल रहे हैं। बीते दस जुलाई को बांसी में अंजली कम्प्यूटर शॉप पर अवैध टिकटों के धंधे का पर्दाफाश हुआ था। जालसाज ने एएनएमएस साफ्टवेयर पर फर्जी आइडी के जरिये एक वर्ष में 3.81 लाख रुपये का टिकट बुक किया था। इसी के बाद आरपीएफ ने कसबों में छापेमारी अभियान शुरू किया।
अवैध साफ्टवेयर कर लेता है सिस्टम हैक
रेलवे के अधिकृत आइआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन) साफ्टवेयर के समानांतर एएनएमएस और ब्लैक टीएस जैसे एक दर्जन से अधिक फर्जी साफ्टवेयर संचालित हैं। यह अवैध साफ्टवेयर रेलवे के सिस्टम को हैक करके उससे पहले टिकट बना देता है।
लगातार पड़ रहे छापे
11 फरवरी 2020 : आरपीएफ ने 19 ट्रेवेल एजेंसियों पर छापा मारा। इस दौरान 3869 ई-टिकट के साथ 22 लोग गिरफ्तार हुए। सभी के खिलाफ रेलवे एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की गई है।
12 फरवरी 2020 : आरपीएफ ने अलग-अलग कसबों में 12 ट्रेवेल एजेंसियों पर छापामारी की। 483 ई-टिकटों के साथ गिरफ्तार हुए 13 लोगों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई हुई।
ई-टिकटों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यात्रियों से भी अपील की जा रही है कि वह रेलवे काउंटर या अधिकृत एजेंटों से ही टिकट बुक कराएं। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे