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रात भर जागने के बाद भी रेलवे काउंटर पर नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट Gorakhpur News

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि आरपीएफ व वाणिज्य विभाग की संयुक्त टीम अभियान चलाकर छापेमारी करती है। जालसाजों को पकड़ा भी जाता है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 08:30 AM (IST)
रात भर जागने के बाद भी रेलवे काउंटर पर नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट Gorakhpur News
रात भर जागने के बाद भी रेलवे काउंटर पर नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना काल में भी मुंबई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। लोग तत्काल कोटा की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन  आरक्षण कार्यालय में रात भर जागने के बाद भी लोगों को काउंटर पर निराशा ही हाथ लग रही है।  तत्काल कोटा का 80 से 90 फीसद टिकट जालसाजों के अवैध साफ्टवेयर से बुक हो जा रहे हैं।

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बुकिंग शुरू होने पर आरक्षण काउंटरों पर बैठे क्लर्क जबतक सिस्टम में यात्री का नाम और दोनों तरफ का पता भर रहे हैं, तबतक अवैध साफ्टवेयर से कंफर्म टिकट बुक हो जा रहे हैं। काउंटर पर  किसी तरह पहला या दूसरा टिकट कंफर्म निकल पा रहा है। जबकि, प्रत्येक ट्रेन का 30 फीसद बर्थ तत्काल के लिए आरक्षित रहता है। अब तो तत्काल में भी प्रीमियम सिस्टम शुरू हो गया है। तत्काल कोटे का 50 फीसद टिकट बुक होने के बाद किराया लगातार बढ़ता जाता है। किराया बढऩे के बाद भी पलक झपकते टिकट बुक हो जा रहे हैं। नियमानुसार सामान्यत: तत्काल कोटे में स्लीपर का निर्धारित किराया से 150 तथा एसी का 300 रुपये अधिक लगता है। ट्रेन छूटने से एक दिन पहले सुबह दस बजे से एसी के तथा 11 बजे से स्लीपर के तत्काल टिकट बुक होते हैं। इस दौरान इंटरनेट से टिकटों की बुकिंग बंद रहती है, इसके बाद भी जालसाज टिकट बुक कर मुंहमांगा कीमत वसूल रहे हैं।

रेलवे का सिस्टम हैक कर लेता है अवैध साफ्टवेयर

जालसाज इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के समानांतर अपना सिस्टम चला रहे हैं। जो तत्काल टिकटों  की बुङ्क्षकग शुरू होने के साथ ही रेलवे के सिस्टम को हैक कर लेता है। एएनएमएस और ब्लैक टीएस जैसे दर्जन भर अवैध साफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी गति रेलवे के सिस्टम से कई गुना अधिक होती है। टिकटों की बुकिंग शुरू होने से पहले ही यात्रियों का नाम और पता भरकर तैयार रहते हैं। बुकिंग शुरू होने पर रेलवे में जबतक एक टिकट बुक होता है तबतक जालसाज अपने सिस्टम से 20 से 25 टिकट बुक कर लेते हैं। आरपीएफ ने गोरखपुर में 11 फरवरी को 19 ट्रेवल एजेंसियों पर छापा मारकर 3869 टिकट के साथ 22 लोगों को गिरफ्तार किया था। दूसरे दिन भी 13 लोग पकड़े गए थे। एक जालसाज ने एएनएमएस साफ्टवेयर से 3.81 लाख रुपये का टिकट बुक किया था। आजकल यह धंधा कामगारों को बुलाने के लिए मुंबई, पुणे, सूरत और अहमदाबाद में धड़ल्ले से चल रहा है। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि आरपीएफ व वाणिज्य विभाग की संयुक्त टीम अभियान चलाकर छापेमारी करती है। जालसाजों को पकड़ा भी जाता है। आमजन से अपील है कि वे रेलवे काउंटर या आइआरसीटीसी या अधिकृत एजेंट से ही टिकट बुक करें।


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