मौके पर मकान न मीटर, कंपनी वाले दिखाते रहे बिजली की खपत Gorakhpur News
उपभोक्ता की शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि जिस घर का बिल बना है वह काफी पहले गिर चुका है और कोई मीटर है ही नहीं।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली उपभोक्ता बिलिंग कंपनी की मनमानी से कितने परेशान हैं, इसका भेद खुल गया है। घर मे बैठकर ही कर्मचारी रीडिंग दे रहे हैं और उपभोक्ताओं को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। हाल ही में नगरीय विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय में कराई गई जांच में यह बात सामने आयी है कि मीटर रीडर उपभोक्ता के घर नहीं जा रहे। करीब 10 उदाहरण देते हुए अधिशासी अभियंता ने बिलिंग कंपनी को कड़ा पत्र लिखकर कार्य प्रणाली में सुधार लाने को कहा है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा।
ऐसे हुई जानकारी
सूरजकुंड निवासी शिवसागर के घर बिजली का उपभोग दिखाते हुए मीटर रीडर ने 8065 यूनिट रीडिंग दर्ज कर बिल बना दिया। उपभोक्ता की शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि जिस घर का बिल बना है, वह काफी पहले गिर चुका है और कोई मीटर है ही नहीं। तिवारीपुर निवासी प्रद्युम्न प्रसाद गौड़ के घर की रीडिंग 27062 बनाई गई। बिल मिला तो उनके होश उड़ गए क्योंकि अपने कनेक्शन का वह स्थाई विच्छेदन (परमानेंट डिस्कनेक्शन) करा चुके थे। शिकायत पर निगम ने जांच कराई तो उपभोक्ता की बात सही निकली। मौके पर मीटर भी नहीं था। सूरजकुंड निवासी रामराज के घर की रीङ्क्षडग 7299 दिखाई गई। इस मामले की जांच में पता चला कि यहां मीटर नो डिस्प्ले है यानी उसमें कुछ नहीं दिखता, ऐसे में रीडिंग लेना सम्भव ही नहीं।
कनेक्शन है या नहीं, इसकी भी नहीं हो रही जांच
बिलिंग कंपनी के कर्मचारी बिना मौके पर गए, मीटर देखे बिल बना दे रहे हैं। कनेक्शन वर्तमान में चल रहा है या नही , उन्हें इससे भी कोई मतलब नहीं है। एक-एक कर जब इन कर्मचारियों की शिकायत बड़े पैमाने पर अधिकारियों तक पहुंची तो जांच कराई गई। मीटर न देखने का नतीजा यह हुआ कि जिनके घर अधिक उपभोग हो रहा है, उनका कम बिल बन रहा और जिनके घर कम उपभोग हो रहा उनका बिल अधिक बन रहा है। इस संबंध में अधिशासी अभियंता यदुनाथ राम का कहना है कि बिलिंग कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी की शिकायत काफी दिनों से आ रही थी। कई मामलों की जांच कराई गई तो शिकायत सही निकली। कंपनी को नोटिस जारी की गई है। सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी।