केसरिया वस्त्र में एमपी पीजी कालेज के विद्यार्थियों ने ली दीक्षा Gorakhpur News
आधुनिकतम शिक्षा प्रणाली को अपनाकर बहुत से कालेजों की प्रेरणा बन चुके इस कालेज के विद्यार्थियों ने परापंरागत परिधान में दीक्षा ली। छात्रों ने सफेद धोती और केसरिया कुर्ता में तो छात्राओं ने केसरिया साड़ी में समापर्वतन संस्कार को पूर्ण किया।
गोरखपुर, जेएनएन। आधुनिकता की दौड़ में शामिल होने के लिए पश्चिमी संस्कृति को अपनाना जरूरी नहीं है। परंपरा को कायम रखते हुए भी इस दौड़ में आगे रहा जा सकता है। यह साबित किया है महाराणा प्रताप पीजी कालेज जंगल धूसड़ ने। इसकी बानगी देखने को मिली कालेज के समावर्तन संस्कार में। आधुनिकतम शिक्षा प्रणाली को अपनाकर बहुत से कालेजों की प्रेरणा बन चुके इस कालेज के विद्यार्थियों ने परापंरागत परिधान में दीक्षा ली। छात्रों ने सफेद धोती और केसरिया कुर्ता में तो छात्राओं ने केसरिया साड़ी में समापर्वतन संस्कार को पूर्ण किया।
कालेज प्रबंधन को बधाई
दीक्षा ग्रहण कराने के बाद समारोह की मुख्य अतिथि समाजिक कार्यकर्ता तेजश्विनी अनंत कुमार ने कालेज प्रबंधन को परंपरागत परिधान के रूप में गाउन का विकल्प देने के लिए बधाई दी और विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन जीने की सीख दी। उन्होंने कहा कि ज्ञान का सही अर्थ उसके उपयोग में है, न कि उसके अर्जन में। अर्जित सद्ज्ञान से ही विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और संस्कार को संजोकर रखने की शिक्षा दी।
जीवन के क्षेत्र में हमारा वास्तविक मूल्यांकन
अध्यक्षीय संबोधन में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि समूचे पूर्वांचल की शिक्षा व्यवस्था को उत्तरोत्तर विकास के पथ पर अग्रसर करने में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की भूमिका अविस्मरणीय है। नाथ-पंथ का समग्र-दर्शन शिक्षा एवं ज्ञान के आधार पर समाज का कल्याण करने वाला श्रेष्ठ दर्शन है।
कुलपति ने विद्यार्थियों से कहा कि समावर्तन के बाद ही जीवन के क्षेत्र में हमारा वास्तविक मूल्यांकन होता है। समारोह की प्रस्ताविकी रखते हुए प्राचार्य डा. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि यह कालेज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों का कालेज है, इसलिए संस्कार आधारित शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 2008 में कालेज के प्रथम बैच के विद्याॢथयों का परंपरागत परिधान में समावर्तन संस्कार करने के बाद से यह सिलसिला अनवरत जारी है। समारोह के अंत में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह ने विद्यार्थियों को अपना आशीर्वाद दिया। कालेज के विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की गई। इस दौरान अतिथियों द्वारा समावर्तन-2021 पत्रिका का विमोचन किया गया।
गांव के 54 बच्चों को सिखाया कंप्यूटर
महंत अवेद्यनाथ नि:शुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र से इस सत्र में ग्रामीण बच्चों को कंप्यूटर का मुफ्त प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 28 विद्यार्थियों को समावर्तन समारोह के दौरान प्रमाण-पत्र सौंपा गया। इसके अलावा योगिराज बाबा गंभीरनाथ सिलाई-कढ़ाई व पेंटिंग प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षित होने वाली 30 महिलाओं और छात्राओं को भी प्रमाण-पत्र दिया गया।
इन्हें मिला श्रेष्ठता का पुरस्कार
कालेज में वर्ष भर की गतिविधियों के आधार पर शिप्रा सिंह को श्रेष्ठतम शिक्षक, सत्यप्रकाश तिवारी को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी, मनीष त्रिपाठी को सर्वश्रेष्ठ पुरातन छात्र, सोनी यादव को सर्वश्रेष्ठ कंप्यूटर प्रशिक्षक, रामरतन को श्रेष्ठतम कर्मचारी का महाराणा प्रताप सम्मान, राजाराम को श्रेष्ठतम चतुर्थ कर्मचारी का महायोगी गुरु गोरक्षनाथ सम्मान, अनुज कुमार श्रीवास्तव को हमारे पूर्वज, अनीता निषाद को जीवनमूल्य और रीतिका प्रजापति को सिलाई-कढ़ाई पुरस्कार दिया गया।
कोविड बचाव कार्य में सहयोग करने वाले विद्यार्थी भी हुए पुरस्कृत
कोरोना काल में कोविड-19 से बचाव में अपना सहयोग देने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वालों में शीला, संध्या भारती, लंकेश राव, सत्यप्रकाश तिवारी, दीक्षा मिश्रा, चांदनी प्रजापति, संध्या, विकास, सूरज, गौरव, नितेश प्रजापति आदि शामिल रहे।