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आ रहा ठंड का मौसम, 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को परेशान करने लगी है गठिया

ठंड के मौसम में गठिया के मरीजों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। जाडे में उन्‍हें बीमारी परेशान कर सकती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि नयमित दवा लेते रहें और योग-व्‍यायाम कर खुद को स्‍वस्‍थ रखें।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 06:05 AM (IST)
आ रहा ठंड का मौसम, 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को परेशान करने लगी है गठिया
आ रहा ठंड का मौसम, 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को परेशान करने लगी है गठिया। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ठंड का मौसम आ रहा है। गठिया के मरीजों के लिए यह मौसम अनुकूल नहीं होता है। यदि सतर्कता नहीं बरती गई तो यह बीमारी परेशान कर सकती है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को गठिया परेशान करने लगी। इसलिए जब भी हड्डी व जोड़ों में दिक्कत हो, तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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फेफडों को नुकसान पहुंचाती है गठिया

विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना भले खत्म हो गया है लेकिन गठिया के मरीजों को कोविड 19 से बचाव के नियमों का पूरा पालन करना चाहिए। क्योंकि गठिया भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। कोविड संक्रमण काल में जिन गठिया के मरीजों को कोरोना संक्रमण हुआ था, उनके फेफड़े और कमजोर हो गए।

मौसम नम होने के साथ बढेंगी दिक्‍कतें

मौसम नम होने के साथ ही दिक्कतें बढ़ेंगी। इसलिए गठिया के मरीज सावधान रहें और नियमित दवाएं खाते रहें। 12 अक्टूबर को लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। ऐसे मरीजों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए। दूध व फलों का सेवन करने से इस बीमारी में लाभ होता है।

इसलिए होता है गठिया कारण

-60 वर्ष से अधिक उम्र।

-मोटापा।

-विटामिन डी की कमी।

-चोट या संक्रमण।

-यूरिक एसिड बढऩा।

लक्षण

-जोड़ों में दर्द या अकडऩ।

-दर्द वाले स्थान पर त्वचा का लाल होना।

-घुटनों में सूजन।

-चलने-फिरने में तकलीफ।

-जोड़ों से आवाज आना।

बचाव

-नियमित व्यायाम।

-सुबह धूप में बैठना।

-वजन पर नियंत्रण।

-यूरिक एसिड पर नियंत्रण रखना।

दवा खाएं, योग-व्‍यायाम करें

हड्डी एवं जोड रोग विशेषज्ञ डा. इमरान अख्‍तर बताते है कि गठिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है। दवाएं खाने से मरीजों को राहत रहती है। इसलिए दवाएं बिल्कुल न छोड़ें। योग-व्यायाम करते रहें। सुबह की गुनगुनी धूप जरूर लें। ठंड में पर्याप्त गरम कपड़े पहनें।


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