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बच्चों पर भारी रहा ठंड, निमोनिया की चपेट में आने के बढ़े मामले

यूं तो ठंड का सितम हर व्यक्ति झेल रहा है। लेकिन गलन भरा यह मौसम बच्चों पर भारी पड़ रहा है। महराजगंज जिला अस्पताल की ओपीडी में 70 से 80 बच्चे बुखार सर्दी जुकाम और निमोनिया के आ रहे हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 10:15 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 10:15 AM (IST)
बच्चों पर भारी रहा ठंड, निमोनिया की चपेट में आने के बढ़े मामले
जिला अस्पताल में बच्चों की जांच करते डा. रंजन मिश्रा । जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। यूं तो ठंड का सितम हर व्यक्ति झेल रहा है। लेकिन गलन भरा यह मौसम बच्चों पर भारी पड़ रहा है। महराजगंज जिला अस्पताल की ओपीडी में 70 से 80 बच्चे बुखार, सर्दी, जुकाम और निमोनिया के आ रहे हैं। जबकि इससे अधिक प्राइवेट चिकित्सकों के क्लिनिक पर पहुंच रहे हैं। थोड़ी सी लापरवाही होने पर बच्‍चों के निमोनिया के चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है।

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निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं 10 वर्ष तक के बच्‍चे

जिला अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी में चिकित्सकों के समक्ष रोगियों की भीड़ लगी रही। महुअवा की अदितीय को रात में बुखार के साथ झटका आ रहा था, जिसे इलाज के लिए लेकर आई हूं। इसी प्रकार अड़वलिया के अभिषेक, गौनरिया के आदर्श भी तेज बुखार की चपेट से ग्रसित रहे, जिसे स्वजन लेकर अस्पताल में पहुंचे। बुखार, निमोनिया से प्रभावित बच्चे सभी छह माह से 10 वर्ष के बीच के हैं। सामान्य रोगियों का इलाज करते हुए चिकित्सक द्वारा घर भेज दिया जा रहा है, जबकि गंभीर बच्चों को अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। वर्तमान में आइसीयू में खुटहा के किट्टू, ओड़वलिया के के अभिषेक, बरगदवा राजा के लकी, दमकी के आदित्य, गौनरिया के आदर्श, सिसवाबाजार के आरब का इलाज चल रहा है।

बच्‍चों के साथ ही बुजुर्गों पर पड़ रहा ठंड का असर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड का असर बच्चों और बुजुर्ग पर अधिक होता है। सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों पर भी रोगियों के पहुंचने का सिलसिला जा रही है। जिनका चिकित्सक द्वारा उपचार किया जा रहा है।

यह बरतें सावधानी

- बच्चों को गर्म कपड़ा पहनाकर रखें।

- सिर पर टोपी और पैरों में मोजा अवश्य पहनाएं।

- शरीर की अच्छी तरह से सफाई करें।

- बच्चों के खाने पर विशेष ध्यान रखें।

- ठंडी चीज खिलाने से परहेज करें।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान

बच्चों में यदि दस्त, भूख न लगना, पूरे दिन सुस्ती रहना, पेट में दर्द, खांसी, सीने में खड़खड़ाहट, पसली चलना, सांस तेज चलना, चेहरा नीला पड़ना आदि लक्षण दिखाई दें तो लापरवाही न बरतें। तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर उचित इलाज कराएं।

ठंड से बच्‍चों को रखें सुरक्षित

जिला अस्‍पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. रंजन कुमार मिश्र ने कहा कि ठंड से बच्चों में बीमारी बढ़ रही है। बच्चों को ठंड से बचाने का प्रयास करना चाहिए। ठंड में बच्चों में कोल्ड डायरिया, निमोनिया, सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, त्वचा आदि होने की संभावना रहती है। लापरवाही बच्चों को नुकसान पहुंचा जा सकती हैं।


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