योगी के भाषण का तैयार डीवीडी फर्जी निकला, साजिशकर्ता पर मुकदमे का आदेश
आपराधिक प्रवृत्ति के एक व्यक्ति ने योगी आदित्यनाथ समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उसने साक्ष्य के तौर डीवीडी भी दी थी।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य भाजपा नेताओं की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से कूटरचना व तोड़मरोड़ कर फर्जी डीवीडी तैयार कर मुकदमा दर्ज कराने के मामले में एसीजेएम नुसरत खान ने राजघाट थानाक्षेत्र के मुहल्ला तुर्कमानपुर निवासी परवेज परवाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट में वादी प्रोफसर वाईडी सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ल ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत पांच अक्टूबर 2016 को प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उनका कथन था कि वादी बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर के बालरोग विभाग का पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष है तथा विधान परिषद सदस्य भी रहा है। वर्ष 2007 में इराक के तत्कालीन शासक सद्दाम हुसेन की फांसी के बाद परवेज परवाज के उकसाने पर अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने बहुसंख्यक वर्ग के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर पथराव किया था तथा उत्तेजक भाषण देते हुए जुलूस निकाला। वह अपने आप को एन्काउंटर्स इण्डिया डाट काम का प्रधान संपादक बताकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करता है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। उसने वर्ष 2007 में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ, नगर विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल, पूर्व महापौर अंजू चौधरी तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिव प्रताप शुक्ल सहित वादी के खिलाफ न्यायालय के आदेश से एक मुकदमा कैंट थाने में दर्ज कराया। जिसकी विवेचना बाद में सीबीसीआईडी को सौंप दी गई। विवेचना के दौरान परवेज परवाज ने उत्तेजक भाषण से संबंधित एक डीवीडी विवेचक को उपलब्ध कराया। उक्त डीवीडी विवेचक ने परीक्षण के लिए न्यायालय के माध्यम से फोरेंसिक जांच के लिए दिल्ली भेजा। जांच एजेंसी ने उक्त डीवीडी के मूल न होने तथा उसके साथ एडिटिंग व टेंप¨रग किये जाने की पुष्टि की है।
न्यायालय ने अभियुक्त द्वारा विवेचक को इलेक्ट्रानिक अभिलेख में इस प्रकार कूटरचना कर जनप्रतिनिधियों की छवि को धूमिल करने तथा परेशान करने के अपराध को संज्ञेय प्रकृति का पाते हुए मुकदमा दर्ज करने का उक्त आदेश दिया।