UP: सीएम योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर को देंगे चिडिय़ाघर का तोहफा Gorakhpur News
वैसे तो गोरखपुर के चिडिय़ाघर का शिलान्यास काफी पहले हुआ था लेकिन योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2018 में औपचारिक रूप से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। चार साल में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद चिडिय़ाघर अब लोकार्पण के लिए तैयार है।
गोरखपुर, जेएनएन। इंतजार की घडिय़ां खत्म हुईं। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) पूरी तरह से बनकर तैयार है। 31 प्रजाति के 152 वन्यजीव भी आ गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को इसका लोकार्पण करेंगे। इसके बाद लोगों के लिए चिडिय़ाघर खोल दिया जाएगा। वैसे तो गोरखपुर के चिडिय़ाघर का शिलान्यास काफी पहले हुआ था, लेकिन योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2018 में औपचारिक रूप से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। चार साल में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद चिडिय़ाघर अब लोकार्पण के लिए तैयार है।
गोरखपुर का चिडिय़ाघर प्रदेश का पहला ऐसा चिडिय़ाघर होगा, जिसमें बटर फ्लाई पार्क और 7-डी थिएटर के साथ ही खुद का 34 एकड़ में फैला वेटलैंड भी है। पहले चरण में बब्बर शेर, बाघ, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा सहित कई तरह के वन्यजीव, पखी और जलचर लाए जा चुके हैं। दूसरे चरण में इजराइल से जेब्रा और असम से गैंडा के साथ कई अन्य वन्यजीवों को लाए जाने की तैयारी चल रही है। कुल 387 वन्यजीव लाए जाने हैं। इसमें से 152 वन्यजीव लाए जा चुके हैं। बाकी बचे वन्यजीव दूसरे चरण में लाए जाएंगे। चिडिय़ाघर के निदेशक डा. एच रामामोहन कहते हैं कि आने वाले दिनों में यह चिडिय़ाघर पूर्वांचल में पर्यटन को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा केंद्र साबित होगा।
पूर्ववर्ती सरकारों में उपेक्षित रहा चिडिय़ाघर
वैसे तो चिडिय़ाघर का शिलान्यास 18 मई 2011 में हुआ था, लेकिन 2017 तक इसके निर्माण को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया काफी उपेक्षात्मक रहा। इस बीच सात प्रोजेक्ट मैनेजर नियुक्त हुआ और उनका तबादला भी हो गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अगस्त 2018 में चिडिय़ाघर के लिए 181.83 करोड़ रुपये अवमुक्त किया। इसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। जनवरी 2019 में वित्त समिति के अनुमोदन के बाद इसके निर्माण की लागत बढ़ाकर 259.19 करोड़ कर दी गई। अनुमोदन मिलते ही सरकार ने शेष धनराशि भी अवमुक्त कर दी।
चिडिय़ाघर की यह है विशेषता
चिडिय़ाघर का इंट्रेेंस प्लाजा गोरखनाथ मंदिर की थीम पर बनाया गया है। इसकी खूबसूरती हर किसी का मन मोह लेगी। इसके अलावा साइनेज कैफेटेरिया, कियास्क, फाउंटेन आकर्षित करेगी। इसके अलावा सर्पेटेरियम, पीकाक एवियरी, बटरफ्लाई पार्क, 7-डी थिएटर, गोल्फ कार और ट्वाय ट्रेन चिडिय़ाघर की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगे। 7-डी थिएटर में वन्यजीवों से जुड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी। 48 सीटर इस थिएटर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि 7-डी प्रभाव की वजह से शो के दौरान दर्शक को खुद के फिल्म का हिस्सा होने का अहसास होगा।
चिडिय़ाघर में ओडीओपी प्रोडक्ट को भी प्लेटफार्म
गोरखपुर के चिडिय़ाघर में ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से संबंधित उत्पादों को भी प्लेटफार्म दिया गया है। इससे पर्यटकों को यहीं ओडीओपी उत्पाद देखने और खरीदने की सुविधा भी मिलेगी। यहां के ओडीओपी शो केश से टेराकोटा जैसे विश्व प्रसिद्ध पारम्परिक उत्पाद की ब्रांडिंग मजबूत होगी।
एक नजर में गोरखपुर चिडिय़ाघर
चिडि़याघर कुल क्षेत्रफल 121.342 एकड़ में है। इसके निर्माण में करीब 260 करोड़ रुपये लगे हैं। इसमें कुल 33 बाड़े बनाए गए हैं। यहां रखे जाने वाले वन्यजीवों की कुल संख्या 387 है। इसमें से अब तक 31 प्रजातियों के 153 वन्यजीव आ चुके हैं।