सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे, गोरखनाथ मंदिर में करेंगे कलश स्थापना
सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को आ गए। शारदीय नवरात्र के अवसर पर वह गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की आराधना करेंगे। मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक भी कर सकते हैं। शुक्रवार को योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को गोरखपुर पहुंच गए। शारदीय नवरात्र के अवसर पर वह गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की आराधना करेंगे। वे विकास कार्यो की समीक्षा बैठक भी कर सकते हैं। शुक्रवार को योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में निकाली जाएगी कलश यात्रा
नौ दिवसीय अनुष्ठान के अंतर्गत नवरात्र के पहले दिन गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर स्थित शक्तिपीठ में कलश स्थापित करेंगे। इससे पहले मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में कलश यात्रा निकाली जाएगी। मंदिर परिसर स्थित भीम सरोवर से कलश में जल भरा जाएगा। शाम पांच बजे मुख्यमंत्री उसे शक्ति मंदिर में प्रतिष्ठित कर मां भगवती की उपासना करेंगे। उम्मीद जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं।
कल योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रमों में होंगे शामिल
शुक्रवार को योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित भाजपा आइटी सेल की कार्यशाला को संबोधित करेंगे। यहीं छोटे हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री लखनऊ रवाना हो सकते हैं।
गुरु गोरखनाथ के दर्शन कर लखनऊ रवाना हुईं उमा भारती
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती बुधवार की शाम पांच बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंचीं और गुरु गोरखनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर पहुंचकर माथा टेका। शाम करीब 6.15 बजे वह रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गईं।
ट्रेन मार्ग से गईं लखनऊ
उमा भारती सप्तक्रांति सुपरफास्ट विशेष ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना हो गईं। गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि वह बुधवार को अयोध्या से गोरखपुर पहुंचीं। गोरखनाथ मंदिर आकर उन्होंने सभी देव मंदिरों में दीपक जलाया और पूजन किया।