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सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है सपा-बसपा का गठबंधन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में सपा व बसपा गठबंधन भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा देने वाला गठबंधन है। जनता इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 09:55 AM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है सपा-बसपा का गठबंधन
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है सपा-बसपा का गठबंधन

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन भय से ग्रसित होकर किया गया गठबंधन है। कोई कुछ भी करे लेकिन एक बात तय है कि राजनीति सौदेबाजी का धंधा नहीं हो सकती। यह गठबंधन भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा देने वाला गठबंधन है। जनता इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गठबंधन अराजकता और असुरक्षा पैदा करने वाला है। सपा के विधायक हरिओम यादव के हालिया बयान (सपा अध्यक्ष जबतक मायावती की हां में हां मिलाते रहेंगे तभी तक यह गठबंधन चलेगा) पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी ने कहा कि नए गठबंधन से कितना परिवर्तन होगा, यह देखने की बात होगी लेकिन यह तय है कि यह गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चलने वाला। 1993 की राजनीतिक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि उस समय सपा के पास ज्यादा सीटें थीं, बसपा के पास कम। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। बसपा लगातार समर्थन करती रही लेकिन गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चल सका। स्वभाविक रूप से कुछ लोगों की नाक टेकने और उसे रगड़ने की आदत हो जाए तो उसका उपचार नहीं हो सकता।

स्वाभिमान और आत्मसम्मान को छोड़कर की गई गठबंधन की इस सौदेबाजी को प्रदेश की 23 करोड जनता स्वीकार नहीं करेगी। यह प्रदेश की जनता के हितों के साथ खिलवाड़ है। कुंभ में सपा-बसपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों के निमंत्रण के सवाल पर योगी ने कहा कि कुंभ सभी का है और इसकी कमेटी सपा व बसपा दोनो के लोग शामिल हैं। हमने सभी को निमंत्रण दिया है। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह आएं या न आएं। उन्होंने कहा कि जगत पिता सूर्य बिना भेदभाव के अपनी उष्मा चर-अचर जगत को प्रदान करते हैं। समता मूलक समाज की स्थापना के लिए प्रेरित करते हैं। मकर संक्रांति के दिन इससे प्रेरणा लेकर जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसी संकीर्णताओं से उपर उठकर राजनीति करने का संकल्प लेना होगा।


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