सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हार्वर्ड- कैंब्रीज यहां आने वाले नहीं, स्वयं करना होगा विकास Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय वेबिनार/सेमिनार का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता सुधारने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एकेडमिक संस्थाओं को यहां के किसान युवा महिलाओं एवं शिल्पकारों के साथ मिलकर विकास करना होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल में विकास की संभावनाओं पर मंथन का शंखनाद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया कि प्राकृतिक रूप से समृद्ध यह क्षेत्र हमारी धारणा के चलते पिछड़ा रह गया। यहां की संस्थाओं ने भी विकास की बजाय इस पर ठप्पा लगा दिया। हमें विकास के लिए पिछड़ेपन की इस धारणा को छोड़कर योजक की तरह काम करना होगा। यह मानना होगा कि हार्वर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय यहां विकास करने आने वाले नहीं हैं। यहां की एकेडमिक संस्थाओं को ही यहां के किसान, युवा, महिलाओं एवं शिल्पकारों के साथ मिलकर विकास करना होगा।
दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय वेबिनार-सेमिनार का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री गुरुवार को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में 'पूर्वांचल का सतत विकास : मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा' विषयक तीन दिवसीय वेबिनार/सेमिनार के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यह सोचते हैं कि हार्वर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय हमारा विकास करेंगे, जबकि ऐसा नहीं हैं। साढ़े तीन साल पहले तक अकादमिक संस्थाएं केवल अपनी सुविधाओं की ङ्क्षचता करके तटस्थ पड़ी रहती थीं। अब प्रदेश को लेकर देश-दुनिया की धारणा बदल चुकी है। 2014 से पहले भारत को पश्चिमी देशों का नकलची और पिछलग्गू समझा जाता था। लेकिन छह वर्षों में ही अब दुनिया हमारा अनुसरण कर रही है। यही स्थिति पूर्वी उत्तर प्रदेश की भी है। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद यहां की सबसे लोकप्रिय योजना है, इसके विकास के लिए और भी बेहतर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि देश-दुनिया के 300 से ज्यादा विषय विशेषज्ञ आगामी तीन दिनों तक पूर्वांचल के विकास की संभावनाओं पर मंथन करेंगे। यहां से आने वाले सुझावों को अमल में लाने के लिए सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।
पूर्वांचल को बनाएंगे देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्याप्त क्षमता है। यहां से बाहर गए मजदूरों ने उन देशों को नेतृत्व भी दिया है। यहां के लोगों की प्रतिभा का दोहन किया गया। यहां नौ तरह की कृषि जलवायु, दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि, प्रचुर मानव संसाधन, जल की पर्याप्त उपलब्धता है। हम इस क्षमता का उपयोग कर पूर्वांचल को देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में निकलने वाली बातों को धरातल पर भी लाना होगा। केवल डाटा पर आधारित योजनाएं बनाने से कुछ नहीं होता। डाटा पर आधारित और एसी रूम में योजना बनाएंगे तो वही हाल होगा जो बिहार में एग्जिट पोल का हुआ। हमें नतीजे देना है, सफेद हाथी नहीं बनना।