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भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने की जगत कल्याण की प्रार्थना

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट के बीच उन्होंने जगत के कल्याण की प्रार्थना की। सभी के आरोग्य एवं समृद्धि की कामना की।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 01:58 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 02:04 PM (IST)
भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने की जगत कल्याण की प्रार्थना
गोरखनाथ मंद‍िर में पूजा करते मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ। - सौजन्‍य, गोरखनाथ मंद‍िर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट के बीच उन्होंने जगत के कल्याण की प्रार्थना की। सभी के आरोग्य एवं समृद्धि की कामना की।

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एक घंटे तक चला अनुष्ठान

गोरखनाथ मंदिर के प्रथम स्थित शक्तिमंदिर में सोमवार की सुबह तकरीबन एक घंटे तक अनुष्ठान चला। इस दौरान उन्होंने गन्ने के रस, दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद और गंगा जल से देवाधिदेव महादेव भगवान शिव का श्रद्धा के साथ अभिषेक किया। उन्हें बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया।

मंदिर के प्रधान पुरोहित ने कराया रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया। रुद्राभिषेक को मंदिर के प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में संपन्न कराया। उनके साथ वैदिक मंत्रोच्चार करने वालों में डाक्‍टर अरविंद चतुर्वेदी, डाक्‍टर रोहित मिश्र, पंडित पुरुषोत्तम चौबे, शुभम मिश्र, शशांक शास्त्री, रंगनाथ मिश्र, योगी कमलनाथ, द्वारिका तिवारी, अजय सिंह, राणा जी, विनय गौतम, अमित सिंह मोनू, दुर्गेश बजाज समेत मंदिर के पुजारी भी शामिल हुए। आरती के बाद सभी को प्रसाद भी वितरित हुआ।

गो सेवा कर स्वान को भी दुलारा

रुद्राभिषेक के पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार की सुबह पांच बजे उठे। उन्होंने गुरु गोरखनाथ का पूजन एवं दर्शन किया। उसके बाद अखण्ड ज्योति का दर्शन कर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर पहुंच कर माथा टेक आशीर्वाद लिया। फिर मंदिर परिसर का ग्रमण करते हुए गोशाला में पहुंचे। यहां उन्होंने गो सेवा कर उन्हें गुड़ एवं चना खिलाया। गो सेवा करने वाले सेवकों को भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। उनका हौसला बढ़ाया। उसके बाद वे भ्रमण करते हुए स्वान कालू एवं गुल्लू के पास पहुंचे। गुल्लू ने भी उनके साथ काफी मस्ती की।


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