सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाई खिचड़ी, चरम पर मेला
मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ सहित लाखों आज श्रद्धालुओं ने शिवावतार गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मंगल कामना की।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में आस्था का महापर्व मकर संक्रांति आज परंपरागत श्रद्धा व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। यहां गोरखनाथ मंदिर में आस्था उमड़ पड़ी है।
मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ सहित लाखों आज श्रद्धालुओं ने शिवावतार गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मंगल कामना की। मंदिर परिसर में चारों ओर उत्सव व उल्लास का माहौल है। यहां पर जयघोष से वातावरण गूंज रहा है।
मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने खिचड़ी चढ़ाने के पहले मंदिर में सुबह तीन से चार बजे तक श्रीनाथजी (गुरु गोरखनाथ) की आज विशिष्ट पूजा-आरती की। गुरु गोरखनाथ को भोग लगाया। इसके बाद उन्होंने भारत की सुख-समृद्धि की कामना के साथ मंदिर की ओर से शिवावतार बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई। तत्पश्चात नेपाल राज परिवार की ओर से नेपाल राष्ट्र के कल्याण एवं मंगलकामना को लेकर श्रीनाथजी को खिचड़ी अर्पित की गई। उसके बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
कपाट खुलते ही यहां पर गुरु गोरखनाथ, गऊ और गंगा माता की जय, हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाना शुरू कर दिया। श्रद्धालुओं को संभालने के लिए स्वयंसेवक व पुलिस-प्रशासन के लोग पहले से तैयार थे। देखते-देखते श्रद्धालुओं की कतार लंबी होती गई। मंदिर के मुख्य द्वार तक श्रद्धालुओं की कतार लगी है।
रात मंदिर में ठहरे श्रद्धालुओं ने सुबह तीन बजे से ही खिचड़ी चढ़ाने के लिए लाइन लगा ली थी। मुख्य मंदिर में गुरु गोरखनाथ की प्रतिमा पर भोर से ही लगातार खिचड़ी की बारिश हो रही है। श्रद्धालुओं के जयघोष से वातावरण गूंज रहा है।
पूर्व संध्या पर भी मंदिर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने चढ़ाई खिचड़ी
गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए रद्धालु सोमवार दोपहर से ही पहुंचने लगे। देर रात तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर में पहुंच चुके थे। पूर्व संध्या पर गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाकर हजारों लोगों ने आस्था व श्रद्धा अर्पित की। गोरखपुर-बस्ती मंडल के अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, नेपाल, उत्तरी बिहार के बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई है। ठंड को देखते हुए जगह-जगह अलाव भी जलवाए गए हैं। श्रद्धालुओं की मदद के लिए मंदिर के स्वयंसेवक और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैद दिखे। गुरु गोरखनाथ के दर्शन और खिचड़ी चढ़ाने के बाद श्रद्धालुओं के बाहर निकलने की व्यवस्था उत्तरी गेट से की गई है।
यह है परंपरा
बाबा गोरखनाथ को इस दिन श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाकर आस्था व श्रद्धा निवेदित करेंगे। ब्रह्म मुहूर्त में तीन बजे गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान गोरखनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है तथा मंदिर की तरफ से बाबा को खिचड़ी अर्पित की जाती है। इसके बाद नेपाल राज परिवार से आई खिचड़ी चढ़ाई जाती है।
मंदिर में उत्सव व उल्लास का माहौल
मंदिर में मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर उत्सव व उल्लास का माहौल रहा। एक तरफ आस्था थी तो दूसरी तरफ मनोरंजन। बाबा को खिचड़ी चढ़ाने पहुंचे श्रद्धालुओं ने जहां बाबा का दर्शन लाभ लिया, वहीं मेले का भरपूर लुत्फ भी उठाया।
मंदिर के आसपास के सभी रास्ते श्रद्धालुओं से खचाखच भरे रहे। बाबा का जयघोष गूंज रहा था। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन से लेकर मंदिर तक पैदल जाते श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र थे। सिर पर गठरी बांधे समूहों में श्रद्धालु जयघोष करते चले जा रहे थे। महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। आस्था का आलम यह था कि कई श्रद्धालुओं के पैर में चप्पल व जूते नहीं थे। इस ठंड में वे नंगे पांव जयघोष करते मंदिर पहुंच गए।
हजारों लोग ग्रहण करेंगे मंदिर की खिचड़ी
मकर संक्रांति के दिन गोरखनाथ मंदिर में हजारों लोग खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी विशेष विधि से तैयार की जाती है। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी बताते हैं कि उड़द की दाल की खिचड़ी शुद्ध देशी घी में तैयार की जाती है। यह सुपाच्य और सेहतवर्धक है। इसमें मटर, गोभी और अन्य सब्जियां डाली जाती हैं। अच्छी तरह पकने के बाद इस खिचड़ी को दही के साथ परोसा जाता है।
मकर संक्रांति के दिन भंडारे में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी के रूप में चावल, दाल, नमक, लाई के साथ तिल का लड्डू भी चढ़ता है। प्रसाद में तिल का लड्डू भी लोगों को दिया जाता है।
आटे और देशी घी से बना है महारोट का प्रसाद
मकर संक्रांति के दिन गोरखनाथ मंदिर से महारोट का प्रसाद बांटा जाता है। द्वारिका तिवारी के अनुसार इसे तैयार कर लिया गया है। इस प्रसाद को तैयार करने की विधि खास है। सबसे पहले आटे की रोटी बनाई जाती है फिर उसे कूटकर महीन बना लिया जाता है। चलनी से चालकर इस आटे को घी, चीनी के साथ पानी में पकाया जाता है। अंत में महारोट पेड़े की तरह का हो जाता है। इसे नाथ योगी अपने हाथों से तैयार करते हैं।
पहुंच गई नेपाल के शाही परिवार की खिचड़ी
मकर संक्रांति पर गोरखनाथ बाबा के चरणों में चढ़ाने के लिए नेपाल के शाही परिवार की खिचड़ी मंदिर पहुंच चुकी है। 15 जनवरी को मकर संक्रांति की पूजा के बाद 16 जनवरी को महारोट का प्रसाद मंदिर से नेपाल भेजा जाएगा। गोरखनाथ मंदिर स्थित संस्कृत विद्यालय के आचार्य कलाधर पौडिय़ाल प्रसाद लेकर जाएंगे।
मंदिर से स्टेशन तक स्वास्थ्य सुविधा
खिचड़ी मेला के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। गोरखपुर मंदिर से लेकर रेलवे स्टेशन तक 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं देने की व्यवस्था की गई है। साथ ही गोरखनाथ मंदिर के आसपास के 10 निजी अस्पतालों में भी बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पांच टीमें बनाई गई हैं। हर टीम में डॉक्टर, फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय को तैनात किया गया है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर आठ पर एक चिकित्सा टीम मौजूद रहेगी। यह स्टेशन डायरेक्टर के बताए गए स्थान पर कार्य करेगी। यहां एक एंबुलेंस भी लगाई गई है। सभी शिविरों में मरीजों को दवाएं निश्शुल्क दी जाएंगी। मेला परिसर में बने शिविर में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है। इसके साथ ही गोरखनाथ मंदिर, गोरखनाथ हॉस्पिटल के पास, आरपीएफ कैंप ओवरब्रिज के पास भी एक-एक एंबुलेंस खड़ी रहेगी। मेला में पल्स पोलियो की टीम भी रहेगी।
मेला में भटके लोगों को घर तक पहुंचाएगा रोडवेज
परिवहन निगम गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेला में भूले-भटके लोगों की भी सुध लेगा। उन्हें रोडवेज की बस से निश्शुल्क घर तक पहुंचाएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक डीवी सिंह की अध्यक्षता में परिवहन निगम ने सोमवार को श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए मंदिर परिसर में काउंटर स्थापित किया। काउंटर पर 24 घंटे रोडवेजकर्मी तैनात रहेंगे, जो हर पल श्रद्धालुओं का सहयोग करेंगे। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश कुमार के अनुसार सहायता के लिए टोल फ्री और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके अलावा सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों के फोन नंबर भी लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। काउंटर 16 जनवरी तक कार्य करेगा।