छाए रहे बादल, दिनभर चला रिमझिम बारिश का सिलसिला
दूसरे दिन सोमवार को भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। पूरे दिन बादलों ने डेरा जमाए रखा। बारिश के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। लोग घरों में कैद रहे। मौसम खुशगवार बना रहा। चौबीस घंटे में 20 मिलीमीटर बारिश का रिकार्ड दर्ज किया गया है।
सिद्धार्थनगर : दूसरे दिन सोमवार को भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। पूरे दिन बादलों ने डेरा जमाए रखा। बारिश के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। लोग घरों में कैद रहे। मौसम खुशगवार बना रहा। चौबीस घंटे में 20 मिलीमीटर बारिश का रिकार्ड दर्ज किया गया है। तापमान में गिरावट के चलते उमस भरी गर्मी से जनमानस को राहत मिली। परंतु नगर से लेकर ग्रामीण अंचल में जगह-जगह जलजमाव से राहगीरों की सांसत हुई। मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को हल्की से मध्यम तो रात में तथा बुधवार को दिन में भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। आज तेज हवा के कारण विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। अधिकतम तापमान 29 तो न्यूनतम तापमान में 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। मौसम विशेषज्ञ सूर्य प्रकाश सिंह ने बताया कि परसों मौसम ज्यादा खराब रहने का अनुमान है। इधर वर्षा के कारण इटवा में बांसी व बिस्कोहर मार्ग के निकट जलजमाव की दिक्कत बनी रही। ग्रामीण क्षेत्रों में पड़री, बेलहसा, गौरडीह, बिजौरा, अहिरौली, गौरा, बढ़या आदि क्षेत्रों में जर्जर सड़कों के बीच पानी भर जाने से राहगीरों का आवागमन कठिन बना रहा।
किसानों को राहत
दो दिनों के बीच हुई हल्की बारिश किसानों के लिए लाभप्रद रही। जो किसान नर्सरी डाल चुके हैं, उनको अधिक फायदा पहुंचा। अब उन्हें अलग से सिचाई नहीं करनी पड़ेगी। खेतों में उचित नमी की वजह से किसान खेत की जोताई करके अरहर की बुआई की तैयारी में जुटे बताए गए हैं।
आम को फिर हुआ नुकसान
इस बार मौसम आम की फसल के लिए अनुकूल नहीं रहा। बौर व अमिया के समय आंधी से काफी नुकसान हुआ तो इधर दो दिनों की बारिश भी मुसीबत से कम नहीं रही। बागों में जो आम पक गए हैं, उनकी किसान तोड़ाई नहीं कर पा रहा है, जो तोड़ाई हुई है उसको बाजार में बिक्री भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में आम खराब होने का खतरा बना हुआ है।