नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने वालों को दी थी मोहलत, विधि विभाग का लिपिक निलंबित Gorakhpur News
नगर निगम के दस्तावेजों में घोष कंपनी के पास स्थित सहन अस्तबल की जमीन है। विधि विभाग की मौन स्वीकृति के बाद उक्त जमीन के कब्जेदारों ने कोर्ट से अपने नाम करा लिया।
गोरखपुर, जेएनएन। घोष कंपनी स्थित नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर कुछ लोगों की ओर से कोर्ट से नाम चढ़वा लेने के मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। नगर आयुक्त ने विधि विभाग के एक लिपिक को निलंबित कर दिया है। एक अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पहले था अस्तबल, कुछ लोगों ने अपने नाम कराया
नगर निगम के दस्तावेजों में घोष कंपनी के पास स्थित सहन अस्तबल की जमीन है। इस जमीन पर कई लोगों का कब्जा है। पिछले दिनों नगर निगम की ओर से मुनादी कराकर कब्जेदारों को स्वयं ही जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया। इसके बाद कई दावेदार दस्तावेजों के साथ सामने आ गए। पड़ताल में यह बात सामने आई कि जमीन कुछ अन्य लोगों के नाम से दर्ज है।
की गई लापरवाही, तब हुई कार्यवाही
ऐसा मानते हुए कि नगर निगम के विधि विभाग की ओर से इस मामले में लापरवाही बरती गई, नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने विधि विभाग के लिपिक शाकिर अली को निलंबित कर दिया। इसी विभाग के एक अन्य लिपिक प्रदीप पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि जांच के लिए राजस्व विभाग से जमीन के कागजात निकाले गए हैं। मामले में विधिक परामर्श लिया जा रहा है।
यह है मामला
घोष कंपनी पर जिला अस्पताल के बगल में 48 डिसमिल जमीन है। नगर निगम के दस्तावेज में इस जमीन पर अंग्रेजों के जमाने में अस्तबल था। इस जमीन पर कई लोग रहते हैं। पिछले साल नगर निगम प्रशासन ने जमीन को खाली कराने के लिए सभी को नोटिस दिया था। कुछ दिन पहले एक बार फिर अफसर पहुंचे और दो दिन में जमीन खाली न करने पर सभी को हटाने की चेतावनी दी। इसके बाद तीन लोग कागजात लेकर नगर आयुक्त के पास पहुंचे। बताया कि जमीन नगर निगम की नहीं बल्कि उनकी है। इसकी पुष्टि के लिए सभी ने नगर निगम प्रशासन को कागजात भी सौंपे है। इसके बाद से नगर निगम प्रशासन सकते में है। दस्तावेजों को निकालकर कानूनी लड़ाई शुरू करने की तैयारी हो रही है।