होटल ही नहीं अब अस्पताल भी होंगे फाइव स्टार
स्वच्छता सर्वेक्षण के अब अस्पतालों को भी शामिल किया जाएगा। जिस अस्पताल की रैकिंग सबसे अधिक आएगी उसे फाइव स्टार दिया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। अगले वर्ष जनवरी में शुरू होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैकिंग हासिल करने के लिए नगर निगम अस्पतालों को भी रेटिंग देगा। इससे सफाई के स्तर का मूल्यांकन तो होगा ही, साथ ही अस्पताली कचरों के प्रबंधन की भी जानकारी ली जाएगी। ग्रेडिंग के आधार पर अस्पतालों को स्टार रेटिंग मिलेगी। अस्पतालों को खुद ही ग्रेडिंग कर रेटिंग करने का अवसर दिया जाएगा। अस्पतालों द्वारा दी गई जानकारी पर नगर निगम सत्यापन करेगा। अगर सूचना गलत मिलेगी तो रेटिंग वापस ले ली जाएगी।
सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में स्व'छता से जुड़ी सुविधा व व्यवस्था के आकलन के लिए नगर निगम एक प्रोफार्मा तैयार कर रहा है। इस पर ही अस्पताल के संचालकों को डिटेल भरकर निगम को उपलब्ध कराना है। इसके बाद नगर निगम घोषित सुविधाओं का सत्यापन करेगा। अगर प्रोफार्मा में दी गई जानकारी गलत साबित हुई तो अस्पताल को दिया स्टार रेटिंग का तमगा वापस ले लिया जाएगा। नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक महानगर क्षेत्र में 163 निजी अस्पताल, 35 निजी प्रसूति केंद्र तथा 290 निजी क्लीनिक है।
ऐसे होगी ग्रेडिंग
30 अंक तक हासिल करने वाले अस्पताल रेटिंग से बाहर रहेंगे। 31 से 50 अंक पाने वाले अस्पताल 2 स्टार, 51 से 70 अंक वाले 3 स्टार, 71 से 90 अंक वाले 4 स्टार तथा 91 से 110 अंक हासिल करने वाले अस्पतालों की 5 स्टार रेटिंग होगी। तैयार किए गए प्रोफार्मा में 11 सवाल हैं। प्रत्येक सवाल के लिए 10 अंक दिए जाएंगे।
मूल्यांकन के ये हैं मानक
- परिसर में पृथककरण किए गए कचरे का प्रतिशत
- परिसर के भीतर गीले कचरे का प्रसंस्करण
- अस्पताल से आने वाले जैव-चिकित्सीय कचरे का निराकरण व प्रसंस्करण
- अस्पताल परिसर से शहर की ओर जाने वाले कचरे का प्रतिशत
- कचरे के प्रबंधन और परिसर के बाहर स्व'छता के क्षेत्र में की गई कोई नई पहल
- परिसर के भीतर पुरुष व महिला के लिए शौचालयों में सीटों की संख्या
- शौचालयों की उपयोगिता
- ठोस कचरे और स्व'छता से संबंधित अन्य नवोन्मेषी परियोजनाएं
- अस्पताल संचालक के हस्तक्षेप से सकारात्मक रूप से प्रभावित लोगों की संख्या
- परिसर के भीतर व आस-पास की समग्र स्व'छता
- शौचालय में बाल अनुरूप सीटों का प्रावधान