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बच्‍चों को नहीं दी जाएगी आइवरमेक्टिन व रेमडेसिविर, अस्‍पतालों को जारी हुआ निर्देश Gorakhpur News

गाइडलाइन में कहा गया है कि जिन बच्‍चों का आक्सीजन लेवल 90 से कम होता है उन्हें गंभीर निमोनिया एक्यूट रिसपाइटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम सैप्टिक शाक आदि बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होता है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 01:32 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 07:22 AM (IST)
बच्‍चों को नहीं दी जाएगी आइवरमेक्टिन व रेमडेसिविर, अस्‍पतालों को जारी हुआ निर्देश Gorakhpur News
मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्‍शन की फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर कहा है कि बच्‍चों को भी होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है, यदि उनका आक्सीजन लेवल 90 से ऊपर हो। उन्हें आइवरमेक्टिन व रेमडेसिविर नहीं दी जाएगी। जरूरत पडऩे पर स्टेरायड दवा भी डाक्टर की सलाह पर ही दी जाए।

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सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन पूरा पालन किया जाएगा। सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को इससे अवगत करा दिया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि जिन बच्‍चों का आक्सीजन लेवल 90 से कम होता है उन्हें गंभीर निमोनिया, एक्यूट रिसपाइटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, सैप्टिक शाक आदि बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होता है। अनेक कोविड संक्रमित ब'चों में डायरिया की शिकायत मिली है। ऐसे में अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान

बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ।

थकावट, सूंघने व स्वाद की क्षमता में कमी।

नाक बहना, मांसपेशियों में तकलीफ, गले में खराश।

दस्त आना, उल्टी होना, पेट दर्द होना।

कोविड मरीजों की सूचना न देने वाले अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

ज्‍यादातर निजी अस्पताल न तो भर्ती कोविड मरीजों की सूचना दे रहे हैं और न ही मौतें पोर्टल पर समय से अपलोड कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों की सूची बनाई जा रही है। उन पर कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि अब कोई भी निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों को भर्ती कर इलाज कर सकते हैं। लेकिन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य है। मरीज का इलाज शासन की ओर से निर्धारित दर पर ही करना है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पतालों को न केवल भर्ती मरीजों की संख्या के बारे में नियमित तौर पर जानकारी देनी है, बल्कि खाली बेडों के बारे में भी सूचना देनी होगी। कुछ निजी अस्पताल कोविड मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज तो कर रहे हैं लेकिन इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। इससे कांटैक्ट ट्रेङ्क्षसग, टेङ्क्षस्टग और सर्विलांस की गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।


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