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हाईटेंशन लाइन के नीचे शिक्षा ले रहे बच्‍चे, सहमे रहते हैं घरवाले Gorakhpur News

सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील के हसुड़ी औसानपुर में जहां वातानुकूलित विद्यालय है तो वहीं खेसरहा विकास खंड के कुर्थिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्‍चे खतरा मोल लेकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परिषदीय शिक्षा की इस दोमुंही व्यवस्था से अभिभावक खिन्न हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:30 PM (IST)
हाईटेंशन लाइन के नीचे शिक्षा ले रहे बच्‍चे, सहमे रहते हैं घरवाले  Gorakhpur News
कुर्थिया विद्यालय भवन के ऊपर से गुजरा हाई टेंशन तार। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील के हसुड़ी औसानपुर में जहां वातानुकूलित विद्यालय है तो वहीं खेसरहा विकास खंड के कुर्थिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्‍चे खतरा मोल लेकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परिषदीय शिक्षा की इस दोमुंही व्यवस्था से अभिभावक खिन्न हैं। विद्यालय भवन के ऊपर से गुजरा हाईटेंशन तार कभी भी खतरा बन सकता है।

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तेज हवा से विद्युत तार टकरा कर उगलते हैं अंगारे, छात्र व अध्यापक भयभीत

कोरोना काल के कारण बंद हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक मार्च से खोल दिया गया, पर विद्यालयों में मौजूद समस्याओं को कोरोना काल की अवधि में भी दूर नहीं किया गया। कुर्थिया विद्यालय भवन के ऊपर से हाई वोल्टेज तार गुजरा है। इधर तेज हवा चलने का मौसम भी आ गया है। ढीले विद्युत तारों के टकराने से पहले भी चिंगारी निकलती थी। छात्रों में भय का माहौल है।

ढेड़ दशक पूर्व का है विद्यालय

कुर्थिया प्राथमिक विद्यालय डेढ़ दशक पूर्व जब बना था तो इसके आसपास गांवों में भी बिजली नहीं थी। पांच वर्ष पूर्व प्रधान मंत्री विद्युतीकरण योजना से गांव को रोशन तो कर दिया पर हाईटेंशन तारों को विद्यालय परिसर व भवन के ऊपर से गुजार दिया। विद्युत विभाग की इस मनमानी पर शिक्षा विभाग भी आंख बंद किए रहा।

अब फिर भेजेंगे पत्र

बीईओ सीपी गोंड़ ने कहा कि जब से मैं यहां आया हूं, तब से ट्रांसफार्मर लगे व विद्यालय परिसर से विद्युत तार गए। पांच विद्यालयों को चिन्हित कर विभाग को दो बार पत्र भेज चुका हूं। अब विद्यालय खुला है तो फिर पत्र भेजूंगा, ताकि तार हटाया जा सके।

अभी तक नहीं मिली किसी तरह की शिकायत

जेई विद्युत बब्लू चौधरी ने कहा कि मैं जब से यहां हूं तब से शिक्षा विभाग ने ऐसा कोई शिकायती पत्र नहीं प्रेषित किया है। मैं देख लेता हूं किन विद्यालयों में ऐसी समस्या है, फिर कोई विकल्प बनाता हूं।


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