पर्यावरण संरक्षण से सुरक्षित होगा बच्चों व महिलाओं का जीवन
सात सितंबर को प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्वछ वायु व नीला आसमान दिवस मनाया गया
बस्ती,जेएनएन : वायु को प्रदूषणमुक्त बनाकर बच्चों व महिलाओं के जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। सोमवार को प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु व नीला आसमान दिवस मनाया गया। एक सप्ताह तक वायु प्रदूषण जागरूकता सप्ताह मनाया जाएगा।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विशेष रूप से महिलाओं व बच्चों को वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों व प्रदूषण से बचाव के संबंध में जागरूक करेंगी। एडी हेल्थ डा.सीके शाही ने बताया कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रदूषण कम करने के लिए लोगों को जागरूक करना है वहीं बच्चों व महिलाओं को प्रदूषित वातावरण से बचने की सलाह इस जागरूकता अभियान के दौरान दी जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार व्यावहारिक, पर्यावरणीय व शारीरिक कारकों का मिश्रण बच्चों को वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। वायुप्रदूषण के कारण फेफड़ों के विकास व कार्य क्षमता में कमी, दमा व अस्थमा की शिकायत, श्वसन तंत्र का संक्रमण, मानसिक विकास में कमी व व्यवहार संबंधी विकार, बड़े होने पर हृदयरोग, शुगर, स्ट्रोक का खतरा तक रहता है।
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वायु प्रदूषण कम करने के उपाय
- वाहनों का प्रयोग कम करें। सार्वजनिक परिवहन से सफर करें, परिवार व मित्रों को प्रोत्साहित करें।
- बिजली व पानी की बर्बादी न होने दें, पटाखे, अपशिष्ट, प्लास्टिक, लकड़ी, पत्ते आदि जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित न करें।
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यह भी जरूर जानिए
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषित हवा के कारण हर तीन में से एक बच्चे का फेफड़ा प्रभावित हो रहा है।
- वायु प्रदूषण से जुड़े निचले श्वसन तंत्र के संक्रमण, अन्य रोगों की तुलना में बच्चों की मृत्यु के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है।
- वायु प्रदूषण के कारण हर तीन मिनट में एक बच्चा अपना जीवन खो रहा है। पिछले 27 साल में एक करोड़ से अधिक बच्चे अपना छठवां जन्मदिन नहीं मना पाए।