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महानिशा पूजा के बाद नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में निकले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ

पूजा के लिए नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में उनके बाहर आते ही पूरा परिसर ढोल घंटा-घड़ियाल नगाड़ा नागफनी (नाथ पंथ का विशेष वाद्ययंत्र) और शंख की मंगल ध्वनि से गूंज उठा। इस पूजा के लिए मुख्यमंत्री महानिशा पूजन के बाद पहली बार अपने आवास से बाहर आए।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 04:27 PM (IST)
महानिशा पूजा के बाद नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में निकले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ
नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में मख्‍यमंत्री।

गोरखपुर, जेएनएन। नवरात्र की नवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में मंगल ध्वनि के बीच श्रीनाथजी की पारंपरिक नवमी आराधना की। इस पूजा के लिए मुख्यमंत्री योगी महानिशा पूजन के बाद पहली बार अपने आवास से बाहर आए। पूजा के लिए नाथ पंथ के विशेष पारंपरिक परिधान में उनके बाहर आते ही पूरा परिसर ढोल, घंटा-घड़ियाल, नगाड़ा, नागफनी (नाथ पंथ का विशेष वाद्ययंत्र) और शंख की मंगल ध्वनि से गूंज उठा।

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नाथ योगियों की समाधि पर भी गए सीएम

दो घंटे चली इस विशेष पूजा के दौरान पूरे समय यह मंगल ध्वनि गूंजती रही। मुख्यमंत्री ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत परिसर में मौजूद सभी नाथ योगियों की समाधि पर गए और पूजन कर उनका भी आशीर्वाद लिया।

गायों को खिलाया गुड़

इस पूजन-प्रक्रिया में मंदिर के सभी संत, पुरोहित और पुजारी शामिल हुए। श्रीनाथ जी की पूजा के बाद मुख्यमंत्री परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के दरबार में गए और उनकी भी पूजा-अर्चना की। इसी क्रम में वह गोशाला भी गए और गोसेवा की। गायों को गुड़ खिलाया। उन्‍हें सहलाया और एकतरफ संवाद भी किया। 


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