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CM Yogi Adityanath in Gorakhpur: फर‍ियाद‍ियों से म‍िले सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ, समस्‍याओं के समाधान का द‍िया आश्‍वासन

Janta Darshan of CM Yogi Adityanath in Gorakhpur सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने रविवार को गोरखनाथ मंद‍िर में फर‍ियाद‍ियों की समस्‍याओं को सुना। इस दौरान उन्‍होंने अध‍िकार‍ियों से लोगों की समस्‍याओं का शीघ्र समाधान करने का न‍िर्देश द‍िया। मुख्‍यमंत्री ने कहा क‍ि समस्‍याओं का न‍िस्‍तारण प्राथम‍िक स्‍तर पर क‍िया जाए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 08:20 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 08:20 AM (IST)
CM Yogi Adityanath in Gorakhpur: फर‍ियाद‍ियों से म‍िले सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ, समस्‍याओं के समाधान का द‍िया आश्‍वासन
गोरखपुर में फर‍ियाद‍ियों की समस्‍याएं सुनते मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दो द‍िवसीय दौरे पर गोरखपुर आए सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने रविवार की सुबह गोरखनाथ मंद‍िर में करीब 150 लोगों की समस्‍याओं को सुना। इस दौरान उन्‍होंने अध‍िकार‍ियों से लोगों की समस्‍याओं का शीघ्र निस्तारण करने का न‍िर्देश द‍िया। मुख्‍यमंत्री ने अध‍िकार‍ियों से कहा क‍ि समस्‍याओं का न‍िस्‍तारण प्राथमिकता के आधार पर क‍िया जाए ताकि पीड़ितों को अपनी बात कहने अतिरिक्‍त समय और धन खर्च कर गोरखपुर न आना पड़े।

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इसके पूर्व रविवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। सुबह सबसे पहले उन्‍होंने बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और उनकी पूजा-अर्चना की। उसके बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। हमेशा की तरह मंदिर परिसर का भ्रमण करने के बाद वह गोशाला में गए और आधे घंटे गायों के बीच रहे। उन्हें दुलारा-पुचकारा और अपने हाथ से गुड़-चना भी खिलाया। मुख्यमंत्री ने पालतू श्वान कालू और गुल्लू को दुलराया। उन्हें अपने हाथ से बिस्किट खिलाया। मुख्यमंत्री नौ बजे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए मन्दिर परिसर से रवाना होंगे। आज ही उन्हें दोपहर बाद वाराणसी भी पहुंचना है।

मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों में वितरित की राहत सामग्री

इसके पूर्व शन‍िवार को मुख्यमंत्री ने झंगहा में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 15 दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। शासन एवं प्रशासन ने पहले से कुछ उपाय किए हैं लेकिन आपदा में अक्सर हर प्रकार के उपाय व संसाधन कम पड़ जाते हैं। उन्होंने निर्देश दिया गया है कि अगले तीन दिनों में अधिकारी सभी बाढ़ पीड़ित परिवार तक राहत सामग्री पहुंचा दें। प्रधानमंत्री एवं शासन की भी यही मंशा है।

झंगहा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित करीब 15 गांवों का हवाई दौरा करने के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से बात कर उनका हाल जाना और राहत सामग्री किट प्रदान किया। दो अलग-अलग पैकेट में रखी सामग्री के बारे में भी जानकारी दी। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गोरखपुर में करीब 304 गांव बाढ़ से घिरे हैं और करीब सवा दो लाख की आबादी प्रभावित है। इस बार नदी का जलस्तर जिनता ऊपर था, उतना पहले कभी नहीं था। 1998 की बाढ़ को भी देखा है, तीन साल पहले भी यहां आया था लेकिन नदी का जलस्तर काफी अधिक है। राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर ऊपर बह रही है। जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रशासन राहत एवं बचाव के कार्यों में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगा है। तटबंधों की मरम्मत के कार्य पहले से किए गए हैं। जिले में बाढ़ से बचाव के लिए करीब 18 करोड़ की सिंचाई विभाग की परियोजनाएं या तो पूरी हो गई हैं या प्रगति पर हैं। समय पर नाव व एनडीआरएफ के फ्लड यूनिट की व्यवस्था की गई है। इस क्षेत्र के करीब 15 राजस्व गांव राप्ती एवं गोर्रा नदियों की बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति आपदा के समय स्वयं को असहाय महसूस न करे। इस क्षेत्र में करीब दो हजार राहत किट का वितरण किया जा चुका है। इसमें चावल, दावल, लाई, मसाला, भूजा, चना, नमक, रिफाइंड तेल, माचिस आदि वस्तुएं शामिल हैं।

बीमारियों से बचाने का हो रहा उपाय

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गांवों में बरसात का पानी आ चुका है, वहां कई तरह की बीमारियों की खतरा भी होता है। इसके लिए क्लोरीन की गोलियों का वितरण कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग लोगों को इस बात के लिए जागरूक करे कि वे पानी को उबालकर उसे ठंडा करके पीएं। कहीं का भी पानी न पीएं। सांप, बिच्छू एवं आवारा कुत्तों के काटने का खतरा भी रहता है। लोगों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम एवं एंटी रैबीज के टीके पहले ही उपलब्ध करा दिए गए हैं। अभियान चलाकर लोगों की स्क्रीनिंग करायी जाएगी। जो बीमार होंगे, उनतक दवा पहुंचायी जाएगी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए हर जिले में वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं। वे इस अभियान की प्रगति की समीक्षा करेंगे।

नुकसान हुई फसलों का कर लें आकलन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान हुई फसलों का आकलन कर लिया जाए, जिससे समय से मुआवजा किसानों के खाते में भेज दिया जाए। यदि बाढ़ से किसी का मकान क्षतिग्रस्त होता है तो उसे तत्काल 95 हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। नदी की धारा में मकान आता है तो मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नया मकान देने की व्यवस्था है। बाढ़ में डूबने से किसी की मौत होती है तो उसके स्वजन को चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। किसी किसान, उसके स्वजन या बंटाईदार की मौत होती है तो मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना के तहत आच्छादित करने को कहा गया है। इस योजना में पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती है। यदि किसी पालतू पशु की आपदा में मौत होती है तो उसे भी सहायता उपलब्ध करायी जाती है।


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