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वन्यजीवों की जीवनशैली से परिचित हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ Gorakhpur News

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे परिसर का भ्रमण कर वन्यजीवों को देखा और उनके बारे में जानकारी ली। खासकर बब्बर शेर बाघ भालू काले हिरण और विनोद वन से लाए गए वन्यजीवों में विशेष रुचि दिखाई।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 06:05 PM (IST)
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के उद्घाटन अवसर पर तेंदुए के बाड़े का अवलोकन करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे परिसर का भ्रमण कर वन्यजीवों को देखा और उनके बारे में जानकारी ली। खासकर बब्बर शेर, बाघ (बंगाल टाइगर) भालू, काले हिरण और विनोद वन से लाए गए वन्यजीवों में विशेष रुचि दिखाई। इस दौरान चिड़‍ियाघर के अधिकारियों से उन्होंने एक-एक वन्यजीव के बारे में जानकारी ली तथा ठीक से उनकी देखभाल करने का निर्देश दिया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने चिड़‍ियाघर परिसर में पौधारोपण भी किया।

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मुख्यमंत्री ने पूछा, काला हिरण काला क्यों नहीं है

चिड़‍ियाघर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री काले हिरण के बाड़े के पास पहुंचे तो उसे देखते ही साथ मौजूद चिड़‍ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह से पूछा कि काला हिरण काल क्यों नहीं है? डा. योगेश ने बताया कि गोरखपुर लाया गया काला हिरण उम्र के लिहाज से अभी बच्‍चा है। बड़े होने के साथ उसका रंग काला होता जाएगा। युवा होते-होते काला हिरण अपने नाम के अनुरूप काला दिखने लगेगा।

भालू कितना और क्या खाता है

चिड़‍ियाघर का भ्रमण करने के दौरान मुख्यमंत्री भालू के बाड़े के सामने अपेक्षाकृत काफी देर तक रूके रहे। इस दौरान उन्होंने पूछा कि एक दिन में भालू कितना और क्या खाता है। चिड़‍ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को भालू की पूरी डाइट के बारे में बताया और साथ ही उसे कब-कब, क्या-खाने में दिया जाता है, इस बारे में भी विस्तार से बताया। हिरणों के बाड़े के पास पहुंचने पर उन्होंने विनोद वन से लाए गए वन्यीजवों के बारे पूछा तो उन्होंने बताया गया कि चीतल और पाढ़ा (हाक डियर) विनोद वन से लाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने पाढ़ा के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने नारद को लगाई आवाज

चिड़‍ियाघर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री तेंदुए के बाड़े के सामने रुक गए। वहां मौजूद प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पीके शर्मा और चिड़‍ियाघर के निदेशक डा. एच राजामोहन ने उन्हें नारद नाम के तेंदुए के बारे में बताया। नारद नाम सुनकर मुख्यमंत्री मुस्कराने लगे। उन्होंने दो-तीन बार नारद-नारद बोलकर तेंदुए को आवाज भी लगाई। बब्बर शेर पटौदी, बाघिन मैलानी और दरियाई घोड़े के खाने-पीने और उन्हें लाए जाने के बारे में भी मुख्यमंत्री ने जानकारी ली।

मगरमच्‍छ को खाना कम तो नहीं पड़ता

मुख्यमंत्री जिस समय मगरमच्‍छ के तालाब के पास पहुंचे उस समय एक मगरमच्‍छ किनारे आराम फरमा रहा था। उसे देखते ही उन्होंने पूछा कि इन्‍हें खाने में क्‍या दिया जाता है। चिड़‍ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि एक मगरमच्‍छ के लिए हर सप्ताह दो किग्रा जिंदा मछली तालाब में छोड़ी जाती है। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा उसे यह खाना कम तो नहीं पड़ता है? अधिकारियों ने उन्हें बताया कि मगरमच्‍छ की डाइट यही है।

एक्वेरियम और सर्पेटेरियम में भी बिताया वक्त

मुख्यमंत्री ने चिड़‍ियाघर के एक्वेरियम और सर्पेटेरियम में भी वक्त बिताया। इस दौरान उन्होंने एक्वेरियम में रखी गई रंग-बिरंगी मछलियों के बारे में जानकारी ली। सर्पेटेरियम में पहुंचने पर सांपों की प्रजातियों के बारे में पूछा।

7-डी थिएटर में देखी वन्यजीवों पर आधारित फिल्म

चिड़‍ियाघर परिसर में बने 7-डी थिएटर का भी निरीक्षण करने मुख्यमंत्री पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने वन्यजीवों पर आधारित शार्ट फिल्म भी देखी। 7-डी थिएटर में फिल्म देखने के दौरान दर्शक को खुद के फिल्म का हिस्सा होने का अहसास होता है।

सुरक्षा को लेकर पूछा सवाल

चिड़‍ियाघर का भ्रमण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने वन्यजीवों की सुरक्षा और वन्यजीवों से लोगों की सुरक्षा से जुड़े कई सवाल पूछे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पीके शर्मा और चिड़‍ियाघर के निर्देशक डा. एच राजामोहन ने सुरक्षा के प्रति उन्हें आश्वस्त किया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सभी बाड़े इस तरह से वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता और न ही वन्यजीवों से लोगों को कोई खतरा होगा।

चिड़‍ियाघर में स्कूली बच्‍चों को निश्शुल्क प्रवेश का दिया निर्देश

लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने एक माह तक स्कूली बच्‍चों को चिड़‍ियाघर में निश्शुल्क प्रवेश देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चिड़‍ियाघर मनोरंजन के साथ ही ज्ञानार्जन का महत्वपूर्ण साधन और केंद्र है। यह छात्रों के लिए बेहद उपयोगी है, इसलिए अलग-अलग विद्यालयों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित कर एक माह तक उन्हें चिडिय़ाघर का निश्शुल्क भ्रमण कराया जाय। इस दौरान कोरोना से बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत भी दी।

मुख्यमंत्री ने होली में कोरोना से सतर्क रहने की दी हिदायत

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ि‍याघर) के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को होली की अग्रिम बधाई दी। साथ ही उन्होंने रंगों और उमंगों के त्योहार होली में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन करने हिदायत भी दी। बोले, कोरोना से लड़ाई अभी जारी है। इसका नया रूप चुनौती खड़ी कर रहा है। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है। संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए जरूरी है कि सभी लोग मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करें।

पर्यटन के साथ ही रोजगार का माध्यम बनेगा चिड़‍ियाघर : वनमंत्री

चिड़‍ियाघर के लोकार्पण समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर में चिड़‍ियाघर के निर्माण को लेकर पूर्ववर्ती सरकारें पूरी तरह से उदासीन रहीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ इसके निर्माण में धन की कमी नहीं आने दी। आज गोरखपुर का चिड़‍ियाघर पर्यटन के बड़े केंद्र के साथ ही रोजगार के बड़े साधन के रूप में सबके सामने है।


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