फर्जी डीएल मामले में दाखिल हुआ चार्जशीट
गोरखपुर : आखिरकार, एक माह बाद परिवहन विभाग में फर्जी डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) मामले की वि
गोरखपुर : आखिरकार, एक माह बाद परिवहन विभाग में फर्जी डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) मामले की विभागीय जांच प्रक्रिया शुरू हो गई। जांच अधिकारी ने लखनऊ स्थित नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष चार्जशीट प्रस्तुत कर दी है। नियुक्ति प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद जांच शुरू हो जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि जांच प्रक्रिया में एक-एक बिंदुओं की गहनता के साथ पड़ताल की जाएगी। संबंधित लोगों से पूछताछ के अलावा अभिलेखों, उपकरणों और सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन माह लग सकते हैं। जांच की रिपोर्ट नियुक्ति प्राधिकारी को सौंपी जाएगी। उनके दिशा-निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल, डीएल के फर्जीवाड़ा मामले में परिवहन विभाग के वरिष्ठ लिपिक ब्रह्मानंद प्रसाद निलंबित हैं। विभाग ने उन्हें संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय बस्ती से संबद्ध किया है। जांच भी बस्ती के संभागीय परिवहन अधिकारी आरके विश्वकर्मा को सौंपी गई है। इस संबंध में आरटीओ बस्ती का कहना है कि उन्होंने 6 फरवरी को ही चार्जशीट तैयार कर नियुक्ति प्राधिकारी अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन को सौंप दी है।
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यह है मामला
- आरटीओ परिसर गोरखपुर में सक्रिय दलालों ने विभाग के कर्मचारियों से मिलकर एक और दो जनवरी को छुट्टी पर गए आरआइ (यातायात निरीक्षक) का पासवर्ड चुराकर लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आनलाइन कंप्यूटर टेस्ट में फेल 39 अभ्यर्थियों को पास कर दिया। आरआइ के छुट्टी से लौटने पर तीन जनवरी को मामला खुला। विभाग ने छह जनवरी को कैंट थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।