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बदलता गोरखपुर : रामगढ़ताल के किनारे बनेगा रेलवे का होटल और मॉल Gorakhpur News

गोरखपुर के विकास में चार चांद लगाने के लिए रेलवे रामगढ़ताल के किनारों पर बसी अपनी पुरानी कॉलोनियों को ध्वस्त कराकर होटल और मॉल बनवाने जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 12:31 PM (IST)
बदलता गोरखपुर : रामगढ़ताल के किनारे बनेगा रेलवे का होटल और मॉल Gorakhpur News
बदलता गोरखपुर : रामगढ़ताल के किनारे बनेगा रेलवे का होटल और मॉल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल के किनारों पर बसी अपनी पुरानी कॉलोनियों को ध्वस्त कराकर रेलवे होटल और मॉल बनवाएगा। इस व्यावसायिक परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपी गई है। रेलवे प्रशासन ने कॉलोनी खाली करने के लिए कर्मचारियों को नोटिस देना शुरू कर दिया है।

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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे प्रशासन की कवायद

पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहे रामगढ़ताल की खूबसूरती को बढ़ाने के अभियान में रेलवे प्रशासन भी आगे आ गया है। मोहद्दीपुर से लेकर पैडलेगंज तक ताल के किनारों पर बेहतरीन लोकेशन विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। पहले चरण में 35 हजार वर्ग फिट में फैली 100 आवासों वाली रामगढ़ताल रेलवे कॉलोनी ध्वस्त होगी। होटल और मॉल के अलावा यहां रेलकर्मियों के लिए अपार्टमेंट बनाने की भी चर्चा है, लेकिन इस पर मुहर नहीं लगी है। हालांकि आवास खाली करने के लिए नोटिस मिलने से रेलकर्मियों के परिजन परेशान हैं। बता दें कि आरएलडीए ने भारतीय रेलवे के 19 स्टेशन और कॉलोनियों को विकसित करने की योजना बनाई है। वाराणसी के साथ गोरखपुर में रामगढ़ताल के किनारे दस एकड़ भूमि का सर्वे इसी के तहत किया गया है।

रेलवे आवासों का आवंटन अस्थाई होता है। स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति के बाद इसे खाली ही करना पड़ता है। अन्य कॉलोनियों में आवास खाली हैं, जो रेलकर्मी चाहें आवेदन कर आवास ले सकते हैं। नोटिस के साथ यह आदेश भी जारी किए जा रहे हैं। - पंकज सिंह, सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे

रेलवे प्रशासन पहले आवासों की वैकल्पिक व्यवस्था करे। रेलवे की जमीनें भी बिक रही हैं। पीआरकेएस के महामंत्री विनोद कुमार राय की पहल पर एनएफआइआर ने इस मामले को रेलवे बोर्ड में भी उठाया है। - कृष्ण मोहन मिश्र, रेलकर्मी

32 साल से रेलवे कॉलोनी में रह रही हूं। कॉलोनी खाली होने की चर्चा जब से शुरू हुई है तब से सफाईकर्मी नहीं आ रहे। यहां गंदगी और अव्यवस्था का अंबार है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। - अदरमनी, रेलकर्मी की परिजन


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