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कोविड जांच केंद्र में बदली व्‍यवस्‍था, अब चार पाली में होगी कोरोना संक्रमण की जांच

जिला अस्पताल की इमरजेंसी के सामने फारेंसिक लैब परिसर में बने निश्शुल्क कोविड 19 जांच केंद्र में जांच के समय में बदलाव किया गया है। अब चार पाली में कोरोना संक्रमण की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच की जा रही है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 05:45 PM (IST)
कोविड जांच केंद्र में बदली व्‍यवस्‍था, अब चार पाली में होगी कोरोना संक्रमण की जांच
जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए इंतजार करते लोग। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : जिला अस्पताल की इमरजेंसी के सामने फारेंसिक लैब परिसर में बने निश्शुल्क कोविड 19 जांच केंद्र में जांच के समय में बदलाव किया गया है। अब चार पाली में कोरोना संक्रमण की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। समय की जानकारी न होने के कारण जांच के लिए आए नागरिकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

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24 घंटे संचालित किया जा रहा था केंद्र

कोरोना की पहली लहर में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फारेंसिक लैब में निश्शुल्क कोविड जांच केंद्र की शुरुआत की गई थी। नागरिकों की सहूलियत के लिए केंद्र को 24 घंटे संचालित किया जाता था। अब संक्रमण की दर कम हुई तो जांच के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है।

इससे तो और बढ़ेगा संक्रमण

कोरोना संक्रमण की जांच कराने पहुंचीं तुर्कमानपुर की शाजिया ने कहा कि जब लोग नहीं आएंगे तो वैसे ही जांच नहीं होगी, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की तैनाती तीन शिफ्ट में 24 घंटे के लिए की होगी। अब कर्मचारी मौजूद हैं तो समय की बाध्यता समझ में नहीं आ रही है। लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं तो दो-तीन घंटे इंतजार के लिए कहा जा रहा है, इससे परिसर में भीड़ बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण की जांच कराने आने वाले ही कोरोना संक्रमण फैलाने का कारण बन सकते हैं।

ऐसे हो रही जांच

पहली पाली - सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक

दूसरी पाली - दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक

तीसरी पाली - रात आठ बजे से 11 बजे तक

चौथी पाली - तड़के तीन बजे से सुबह छह बजे तक

चार से साढ़े चार हजार हो रही जांच

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दर कम होने के कारण शिफ्टवार जांच कराई जा रही है। जिले में रोजाना चार से साढ़े चार हजार जांच की जा रही है। इनमें आधी जांच एंटीजन और आधी आरटीपीसीआर हो रही है।


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