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अपहरण का केंद्र बन रहा गोरखपुर, जानिए अब तक कितने लोगों का पता नहीं चला

गोरखपुर इस समय अपहरण का केंद्र बनता जा रहा है। पिछले कुछ माह से अब तक चार लोगों का अपहरण हो चुका है। दो लोगों का अब तक पता नहीं चल सका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 11:50 AM (IST)
अपहरण का केंद्र बन रहा गोरखपुर, जानिए अब तक कितने लोगों का पता नहीं चला
अपहरण का केंद्र बन रहा गोरखपुर, जानिए अब तक कितने लोगों का पता नहीं चला

गोरखपुर, जेएनएन। अपहरण की बढ़ती घटनाओं ने गोरखपुर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। रुस्तमपुर से अगवा बिहार के दूध कारोबारी का अभी तक पता नहीं चला है। रेलवे स्टेशन से एमआर को अगवा कर बिहार ले जाने वाले बदमाश भी पकड़ से दूर है। झगहा क्षेत्र से अपहृत हसमुद्दीन की बरामदगी दो महीने बाद भी नहीं हो सकी है। स्थानीय पुलिस हवा में तीर चला रही है।

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झंगहा, शिवपुर गाव के बाबू टोला निवासी हसमुद्दीन (25) की मोतीराम अड्डा चौराहे पर चिकन की दुकान है। दो अक्टूबर की रात से वह बाइक समेत लापता है। अंतिम बार वह चौराहे पर स्थित अंडे की दुकान पर दिखा था। हसमुद्दीन की मां तसबुन ने गाव के रहने वाले बर्खास्त होमगार्ड गुडडू यादव के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपित से पूछताछ में हसमुद्दीन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। चार नवंबर को पुलिस ने गुड्डू को जेल भेज दिया। संदेह के आधार पर गांव के कई अन्य युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया लेकिन कुछ पता नहीं चला। समय बीतने के साथ ही पुलिस ने अपहृत युवक और उसकी बाइक बरामद करने का प्रयास बंद कर दिया है।

बिहार, मुजफ्फरपुर के अहियापुर निवासी दूध कारोबारी मुकेश पाठक 4 नवंबर, 2018 को गीडा सेक्टर 13 में दूध सप्लाई का टेंडर डालने अपनी गाड़ी से आए थे। उनके साथ अहियापुर निवासी राकेश सिंह, अभय कुमार, सुमित कुमार भी थे। टेंडर डालने के बाद रात में सभी लोग घर लौट रहे थे। रात करीब 8.30 बजे कैंट क्षेत्र के आजाद चौक पर गाड़ी खड़ी कर मुकेश पानी लेने दुकान पर चले गए। अभय, पंकज और सुमित गाड़ी में ही बैठे रहे। इस बीच एक बिना नंबर की सफेद बोलेरो से आए लोग मुकेश को जबरन गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए। अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन कर रही है लेकिन मुकेश का अब तक कुछ पता नहीं चला है।

रानीडीहा निवासी विजय शर्मा का बेटा सुधांशु उर्फ शुभम (21) एमआर है। दो दिसंबर को सुधांशु के पिता का परिचित व्यक्ति कोलकाता से उनका बैग लेकर गोरखपुर आ रहा था। पिता के कहने पर सुधांशु बैग लेने रेलवे स्टेशन पहुंचा। लेनदेन के विवाद में रेलवे पुलिस चौकी के पास बदमाश उसे अगवा कर छपरा उठा ले गए। दोपहर में विजय के पास सुधांशु के नंबर से फोन कर साढ़े तीन लाख रुपये लेकर कोलकाता बुलाया। विजय की तहरीर पर कैंट पुलिस ने अजय शर्मा और राजकुमार यादव नाम के व्यक्ति पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। अपहर्ताओं ने एमआर को छपरा के एक होटल में रखा था। तीन दिसंबर की रात में मौका पाकर वह होटल से भाग निकला। गोरखपुर पहुंचकर पुलिस को मामले की जानकारी दी। नामजद आरोपित आज तक नहीं पकड़े गए।

एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने इस संबंध में कहा कि अपहरण की घटनाओं का जल्द ही पर्दाफाश कर लिया जाएगा। इसकी मॉनीट¨रग खुद कर रहा हूं। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।


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