सीडीआरआइ ने विकसित की ओमिक्रोन को हराने वाली दवा, पांच दिन में ठीक हो जाएगा संक्रमित व्यक्ति
सीडीआरआइ (केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान) लखनऊ के निदेशक प्रो. तापस कुंडू ने बताया कि उनके संस्थान ने एक ऐसी दवा विकसित की है जिसके सेवन से कोरोना संक्रमित व्यक्ति मात्र पांच दिन में पूरी तरह ठीक हो सकता है। दवा का क्लीनिकल ट्रायल पूरी तरह सफल रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सीडीआरआइ (केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान) लखनऊ के निदेशक प्रो. तापस कुंडू ने बताया कि उनके संस्थान ने एक ऐसी दवा विकसित की है, जिसके सेवन से कोरोना संक्रमित व्यक्ति मात्र पांच दिन में पूरी तरह ठीक हो सकता है। दवा का क्लीनिकल ट्रायल पूरी तरह सफल रहा है। अब इसके इस्तेमाल को लेकर सरकार की अनुमति का इंतजार है।
सरकार की अनुमति मिलते ही लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी दवा
अनुमति मिलते ही दवा पूरे देश की जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी। कोरोना के नए प्रकार ओमिक्रोन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीडीआरआइ द्वारा विकसित दवा इस पर भी कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने दावा किया कि भारत मेें पूर्णरूप से विकसित कोरोना की यह पहली कारगर दवा है।
कोरोना से बाचा के लिए पूरी दुनिया को लाक डाउन पर होना पड़ा था निर्भर
प्रो. कुंडू 27 दिसंबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाजी विभाग में 'कोविड-19 से संघर्ष जारी है, हम जीतेंगेÓ विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कोरोना की पहली लहर के दौरान आई समस्या से अपना व्याख्यान शुरू किया। कहा कि उस समय पूरी दुनिया बचाव के लिए लाकडाउन पर केंद्रित थी, क्योंकि किसी को भी वायरस की संरचना की जानकारी नहीं थी।
सीडीआरआइ ने उपलब्ध कराई कोरोना टेस्ट की सस्ती किट
प्रो. कुंडू ने बताया कि जिस समय कोरोना चरम पर था उस दौरान भी सीडीआरआइ ने कोरोना टेस्ट के लिए उच्चस्तरीय और सस्ती किट का विकास किया, जिससे बड़ी संख्या में कोरोना की जांच की गई। व्याख्यान की शुरुआत में विभागाध्यक्ष प्रो. शरद मिश्र ने प्रो. कुंडू का स्वागत किया। प्रो. दिनेश यादव ने अतिथि का परिचय बताया।
प्रो. अजय सिंह ने की कोरोना वायरस से मिलने वाली चुनौतियों की चर्चा
अपने अध्यक्षीय संबोधन में विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो. अजय सिंह ने कोराना वायरस से मिलने वालीं चुनौतियों पर चर्चा की। इस दौरान डा. आलोक श्रीवास्तव, डा. निखिलकांत शुक्ल, डा. संजय पांडेय व डा. मनोज द्विवेदी के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। आभार ज्ञापन प्रो. उमेश यादव ने किया।