सीबीआइ की जांच में मनीष हत्याकांड के रहस्य सेे उठा पर्दा, होटल में ही हो गई थी मनीष की मौत
दिल्ली से आई सीबीआइ की फोरेंसिक टीम ने 30 नवंबर को होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 के साथ ही लिफ्ट व सीढ़ी की पांच घंटे तक जांच की थी। इस दौरान मनीष के दोस्त हरवीर प्रदीप चंदन सैनी मौजदू रहें।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली से आई सीबीआइ की फोरेंसिक टीम ने 30 नवंबर को होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 के साथ ही लिफ्ट व सीढ़ी की पांच घंटे तक जांच की थी। इस दौरान मनीष के दोस्त हरवीर, प्रदीप, चंदन सैनी के साथ ही राणा प्रताप, धनंजय व होटल के मैनेजर आदर्श पांडेय भी मौजदू रहें। फाेरेंसिक टीम की जांच व घटना से जुड़े तथ्यों की पड़ताल करने पर सीबीआइ को पता चला कि होटल के कमरे में ही मनीष की मौत हो चुकी थी। विवेचक ने अपने आरोप पत्र में इस बात का जिक्र किया है।
पुलिस जीप की जांच, दोस्तों व होटल कर्मचारियों से पूछताछ में खुला रहस्य
फोरेंसिक की टीम ने होटल के बाद रामगढ़ताल थाने पहुंचकर सील की गई थाने की जीप से भी नमूना एकत्र किया था।यहां से लौटने के बाद विवेचक ने एनेक्सी भवन में दोस्तों का बारी-बारी बयान दर्ज किया।मानसी हास्पिटल व मेडिकल कालेज के डाक्टर व कर्मचारियों का बयान दर्ज होने पर रहस्य से पर्दा उठ गया।जिसमें पता चला कि मनीष की मौत होने की जानकारी के बाद भी पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए पहले निजी अस्पताल ले गए।फिर वहां से मेडिकल कालेज ले गए।जहां डाक्टरों ने पहले मृत घोषित कर दिया।लेकिन बाद में दूसरा पर्चा बनवाया गया।
सीबीबाइ कब क्या किया
- 11 नवंबर : सीबीआइ की टीम जांच करने पहली बार गोरखपुर पहुंची।
- 12 नवंबर : मनीष के दोस्तों से सीबीआई ने पूछताछ की।
- 13 नवंबर : टीम होटल कृष्णा पैलेस और रामगढ़ताल थाने पहुंची।
- 14 नवंबर : एसआइटी, दोस्तों, होटल के गार्ड समेत 10 से पूछताछ की।
- 15 नवंबर : सीओ कैंट, रामगढ़ताल थानेदार व होटल के वेटर से सीबीआइ ने बातचीत की।
- 16 नवंबर : मानसी हास्पिटल के कर्मचारियों से पूछताछ हुई।
- 17 नवंबर : आरोपित पुलिसकर्मियों की रिमांड लेने के बाद टीम लखनऊ लौटी।
- 29 नवंबर : सीबीआइ के अधिकारी व फोरेंसिक टीम गोरखपुर पहुंची।
- 29 नवंबर : शाम को एनेक्सी भवन में होटल मैनेजर व पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।
- 30 नवंबर : होटल कृष्णा पैलेस पहुंचकर फोरेंसिक टीम ने जांच शुरु की
- 01 दिसंबर : सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर आरोपितों की रिमांड व जेल में पूछताछ की अनुमति ली।
- 03 दिसंबर : जिला कारागार में सीबीआइ ने चार पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।
-04 दिसंबर : सीबीआइ की टीम ने जेएन सिंह व अक्षय मिश्रा से पूछताछ की।
- 05 दिसंबर : आरोपित पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर सीबीआइ लखनऊ लौटी।
- 12 दिसंबर : छानबीन करने सीबीआइ की टीम गोरखपुर पहुंची।
- 15 दिसंबर : सीबीआइ ने आरोपित पुलिसकर्मियों को कोर्ट में पेश किया।
- 24 दिसंबर : तीसरी बार सीबीआइ ने आरोपित पुलिसकर्मियों की रिमांड ली।
- 06 जनवरी : आरोपित पुलिसकर्मी की न्यायिक अभिरक्षा 10 तक बढ़ी।