विकास तिवारी हत्याकांड : मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी से मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट
देवरिया में आयोग के निर्देश पर सीबीसीआइडी कर रही है मामले की जांच।
देवरिया, जेएनएन। तीन साल पूर्व विकास तिवारी हत्याकांड में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी और एसपी से जांच रिपोर्ट और अभी तक हुई कार्रवाई की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के लिए कहा है। मामले की जांच सीबीसीआइडी कर रही है। इस हत्याकांड में दो सिपाहियों के शामिल होने का आरोप है। मृतक के स्वजनों ने जांच में देरी पर भी सवाल उठाए हैं। गोपालगंज जिले के विजयीपुर थाने के कर्मचार गांव निवासी विकास तिवारी पुत्र जयप्रकाश तिवारी की 23 जुलाई 2017 को रामपुर कारखाना थाना के महुआपाटन पुल के समीप हत्या कर लाश फेंक दी गई थी। पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। स्वजनों ने हत्याकांड में दो सिपाहियों व रामपुर कारखाना पुलिस की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए तत्कालीन डीएम व एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। डीएम के आदेश पर हुई मजिस्ट्रियल जांच में पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। आयोग में लगाई गुहार मृतक विकास तिवारी के भाई डा. विवेकानंद तिवारी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में न्याय की गुहार लगाई थी। आयोग के आदेश पर सीबीसीआइडी जांच शुरू हुई। सीबीसीआइडी ने सभी पक्षों का बयान दर्ज किया, लेकिन रिपोर्ट अभी तक आयोग को नहीं भेजी है। यह है पूरा मामला विकास तिवारी 23 जुलाई 2017 को शहर के भीखमपुर रोड काली मंदिर के पास स्थित अपने मकान से अपने मूल गांव कर्मचार जा रहे थे। उनके साथ छह अन्य लोग भी थे। महुआपाटन पुलिस चौकी पिकेट के सामने पुलिस कर्मियों ने सभी को पकड़ लिया। आरोप है कि पुलिस ने अवैध वसूली का दवाब बनाया और विरोध करने पर बैठा लिया। अगले दिन सुबह पुल के पास विकास की लाश मिली। शरीर पर चोट के निशान थे। पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज हुआ। मामले की जानकारी नहीं है। पत्रावली देखने के बाद ही कुछ कहना संभव होगा। - शिष्यपाल, एएसपी, देवरिया