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काम नहीं आई सावधानी, एक-दूसरे को बचाने में गई तीन लोगों की जान Gorakhpur News

गोरखपुर में करंट लगने से हुई शिक्षक सहित तीन की जान एक-दूसरे को बचाने में चली गई। ग्रिल में करंट प्रवाहित होने के बाद उसे पकड़े मजदूर चिपक गए थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 03:12 PM (IST)
काम नहीं आई सावधानी, एक-दूसरे को बचाने में गई तीन लोगों की जान Gorakhpur News
काम नहीं आई सावधानी, एक-दूसरे को बचाने में गई तीन लोगों की जान Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर कैंट क्षेत्र के सिंघडिय़ा मोहल्ले में करंट लगने से हुई शिक्षक सहित तीन की जान, एक-दूसरे को बचाने में चली गई। ग्रिल में करंट प्रवाहित होने के बाद उसे पकड़े मजदूर चिपक गए थे। उन्हें बचाने के प्रयास में शिक्षक की भी जान चली गई और दो मजदूर जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। घर के बगल से गुजरे बिजली के तार से बचाव का उपाय करने के बाद भी यह हादसा हो गया।

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सिंघडिय़ा मोहल्ले में ओमप्रकाश पांडेय के घर के प्रथम तल पर सीढ़ी की खिड़की में ग्रिल लगाई जा रही थी। ग्रिल को पकड़े मजदूर उसे संभाल नहीं पाए। ग्रिल का ऊपरी हिस्सा तार से सट गया। इस वजह से दिवाकांत पांडेय और दो मजदूरों की मौत हो गई तथा दो अन्य मजदूर झुलस गए हैं। ओमप्रकाश पांडेय के घर से बमुश्किल एक मीटर की दूरी से बिजली का तार गया हुआ है। विद्युतीकरण के दौरान ही उन्होंने अपने घर के सामने बिजली के तारों में प्लास्टिक की पाइप डलवा दी थी, ताकि कोई हादसा न हो, लेकिन यह सावधानी काम नहीं आई। तार पर ग्रिल गिरते ही प्लास्टिक की पाइप फट गई, जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। 

तीन भाई-बहनों में बड़े थे दिवाकांत

दिवाकांत उरुवा विकास खंड के रामपुर सनहा स्थित जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक थे। घर पर मजदूर लगे होने की वजह से गुरुवार को उन्होंने अवकाश ले रखा था। तीन भाई-बहनों में वह सबसे बड़े थे। उनसे छोटा भाई रजनीकांत रांची के विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। दिवाकांत की शादी वर्ष 2012 में हुई थी। वर्ष 2014 में पहली बेटी पैदा हुई थी। वर्ष 2015 में उन्हें शिक्षक की नौकरी मिल गई। अभी 20 दिन पहले ही उनकी दूसरी बेटी का जन्म हुआ था। दिवाकांत शुरू से ही पढऩे में काफी होनहार और मिलनसार प्रवृत्ति के थे। उनके निधन की खबर फैलने के बाद साथी शिक्षकों में शोक लहर दौड़ गई है। दिवाकांत के पिता अद्र्धसैनिक बल में थे। दो साल पहले ही रिटायर हुए।

मजदूरों के घर पसरा मातम

इस हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों का परिवार ही नहीं बल्कि उनका पूरा गांव, हादसे की खबर मिलने के बाद से ही मातम तें डूबा हुआ है। रामलखना निवासी शिव प्रसाद पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। उनके परिवार में मां सोनमती देवी के अलावा पत्नी प्रभावती, बेटा देवानंद व शिवानंद तथा बेटी संध्या हैं। देवानंद और संध्या की शादी हो चुकी है। दोनों बेटे बंगलुरू में रहते हैं। रामनगर कडज़हां निवासी धनेश उर्फ कोइल के परिवार में पत्नी उर्मिला देवी, बेटी रंजू, संजू, ज्योति, संजना और बेटा सन्नी हैं। रंजू की ही शादी हो पाई है। तीन बेटियां और बेटा अभी छोटे हैं और पढ़ रहे हैं।

हाईटेंशन तार के खतरे की जद में हैं हजारों परिवार

गोरखपुर में ऐसे हजारों परिवार हैं जो हाईटेंशन तार के खतरे की जद में हैं। हर कदम पर इन परिवारों को सावधानी बरतनी होती है। थोड़ी देर के लिए सावधानी हटने से जान जाने का खतरा होता है। जिन मोहल्लों से हाईटेंशन तार गुजरे हैं, वहां के लोग इस खतरे को दूर करने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।

एक माह पूर्व भी हुआ था हादसा

करीब एक महीने पहले पादरीबाजार के शास्त्रीपुरम में भी एक व्यक्ति की जान घर की छत पर हाईटेंशन तार की चपेट में आने से चली गई थी। यहां कई घरों की छत के ऊपर से तार गुजरा है। कालोनाइजर्स ने शहर में कई ऐसे स्थानों पर जमीनें बेच दीं, जहां से हाईटेंशन तार गुजर रहे थे। प्लाटिंग से पहले तार हटवाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। थोड़े फायदे के लिए तार के बिल्कुल नजदीक तक प्लाटिंग की गई है। ऐसी जगहों पर आबादी बसने के बाद लोगों को खतरे की चिंता सताने लगती है। लोग जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी इन तारों को हटवाने की कोशिश करते रहे हैं। पर, अभी तक इस खतरे का कोई स्थाई समाधान नहीं हो सका है। जिन स्थानों पर हाईटेंशन तार गुजरते हैं, जीडीए की ओर से वहां का मानचित्र भी पास नहीं किया जाता है।

बिजली निगम के अधिकारियों ने किया दौरा

बिजली निगम के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। मुख्य अभियंता ई. देवेंद्र सिंह व अधीक्षण अभियंता (नगर) ई. यूसी वर्मा ने घटना के कारणों की पड़ताल की। यूसी वर्मा के अनुसार यह दुखद घटना है। हालांकि निगम इसमें किसी की लापरवाही नहीं मान रहा है।

यह बरतें सावधानी

जिन मोहल्लों में हाईटेंशन तार गुजरे हैं, वहां घर बनवाते समय किसी भी दशा में छज्जा बाहर न निकालें। इससे खतरा और बढ़ जाता है। अधीक्षण अभियंता (नगर) ने बताया कि यदि कोई निर्माण कार्य कराना है तो बिजली निगम के कार्यालय को सूचना देकर कुछ देर के लिए आपूर्ति बाधित करा सकते हैं।


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