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विधान सभा में उठा गोरखपुर में बनीं अवैध कालोनियों का मामला Gorakhpur News

विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर में विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों का मामला विधान सभा में उठाया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 01:27 PM (IST)
विधान सभा में उठा गोरखपुर में बनीं अवैध कालोनियों का मामला Gorakhpur News
विधान सभा में उठा गोरखपुर में बनीं अवैध कालोनियों का मामला Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नगर विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों तथा अभियंताओं को कटघरे में खड़ा करते हुए उन पर बिल्डर्स, भू-माफियाओं, कोलोनाइजर्स से मिली-भगत रखने और नागरिकों का शोषण करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह  विषय विधानसभा में नियम-51 के तहत उठाया और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विषय की गम्भीरता को स्वीकार करते सरकार को जबाब देने के लिए निर्देशित किया है।

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जीडीए अधिकारियों पर लगाया मिलीभगत का आरोप

नगर विधायक ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों/अभियंताओं के संरक्षण में महानगर में दो सौ से अधिक अवैध विकसित हो गई और आज भी यह जारी है। भू -माफियाओं, बिल्डर्स, कोलोनाइजर्स को प्राधिकरण के अधिकारियों से खुली छूट मिली है। इस कारण महानगर के बाहरी इलाकों को अविकसित कालोनियों का जंगल बना दिया गया है। चतुराई यह कि जमीनें खुद न बेचकर सीधे काश्तकारों से बिकवाई गईं। नागरिकों को सड़क, नाली, पथ प्रकाश, वैधानिक बिजली कनेक्शन, जल निकासी आदि कोई सुविधा नहीं दी। नियमतः नगर निगम, विधायक और सांसद की निधि ऐसी कालोनियों में लगाई नही जा सकती इसलिए उन्हें कोई सुविधा बाद में भी नही मिली।

सीएम का आदेश भी नहीं मान रहे अधिकारी

नगर विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 9 अगस्त 2018 को एक शासनादेश जारी किया कि ऐसे काश्तकारों से जमीन बिकवाने वाले सभी विकासकर्ताओं  की सारी संपत्तियां जप्त कर ली जायें और उन्हें बेचकर उनके द्वारा बनवाई गई अवैधानिक कालोनियों का विकास कराकर उनका विनियमितीकरण किया जाए, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने पूरे एक साल तक उसे कूडे में डाले रखा।

भू माफ‍ियाओं को बचा रहे हैं अधिकारी

विधायक ने कहा कि जुलाई  2019 में जब उन्होंने प्राधिकरण और विकासकर्ताओं  के बीच दुरभिसंधि का आरोप लगाया तो पिछले 6 माह में प्राधिकरण ने सिर्फ कुछ रस्मी तौर पर दिखाने वाली कार्यवाही की और कतिपय कालोनियों और उनके विकासकर्ता की सूची जारी कर थी लेकिन बहुत से भू-माफिया पूरी तरह बच गये। अधिकारियों ने वास्तव में एक भी कोलोनाईजर्स की संपत्ति को न तो जप्त ही किया गया और न ही उन्हें बेचकर उनके द्वारा बनवाई गई अवैधानिक कालोनियों का विकास कराया।

विनियमितीकरण के नाम पर बनाया जा रहा मूर्ख

नगर विधायक ने कहा कि प्राधिकरण अब दूसरा खेल खेल रहा है। अब कतिपय अवैधानिक और अविकसित कालोनियों का विनियमितीकरण कराया जा रहा है । उन्होंने कहा कि इन अवैधानिक कालोनियों के वैधानिक हो जाने पर क्या गोरखपुर विकास प्राधिकरण इनका विकास कराएगा और क्या सरकार उन्हें इसके लिए कोई एकमुश्त धन देने जा रही है ? अगर ऐसा नहीं है तो गोरखपुर विकास प्राधिकरण बहुत चतुराई से अपना बोझा नगर निगम के कंघे पर डाल रहा है। नगर निगम के पास अपने क्षेत्रों के विकास के लिए तो पैसा है नही फिर इन अविकसित अवैधानिक कालोनियों का विकास कौन करेगा ?


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