फर्जी साक्ष्य देकर दर्ज कराया दुष्कर्म व दलित उत्पीड़न का मुकदमा, एसपी की जांच में सामने आया सच
महिला ने पुलिस को फर्जी साक्ष्य देकर दुष्कर्म व दलित उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। केवल बयान के आधार पर सीओ ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। शिकायत पर एडीजी जोन ने एसपी नार्थ से मामले की जांच कराई तो भेद खुला।
गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस को फर्जी साक्ष्य देकर महिला ने दुष्कर्म व दलित उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। बयान के आधार पर सीओ ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। शिकायत पर एडीजी जोन ने एसपी नार्थ से मामले की जांच कराई तो भेद खुल गया। छानबीन में पता चला कि महिला दूसरे धर्म की है। उसकी उम्र भी ज्यादा है। पुलिस इस मामले की पुनर्विवेचना करेगी। एसपी नार्थ की जांच में सामने आए नए तथ्य को विवेचना में समाहित किया जाएगा।
आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
खुद को कैंपियरगंज क्षेत्र का निवासी बताने वाली महिला ने दो साल पहले बरगदवा के अनिल पांडेय व सुनील पांडेय के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट व दलित उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। मामले की विवेचना कर रहे कैंपियरगंज के तत्कालीन सीओ दिनेश सिंह ने सुनील पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। महिला द्वारा दिए गए बयान के आधार पर उन्होंने नामजद आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र भेज दिया। सुनील के घरवालों ने सीओ के साथ ही एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर महिला द्वारा फर्जी दर्ज कराने की जानकारी दी लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया।
दलित नहीं है आरोप लगाने वाली महिला
इसके बाद पीडि़त परिवार के लोगों ने खुद खोजबीन शुरू की। जिसमें में पता चला कि मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला दलित नहीं है। वह मूल रुप से संतकबीरनगर जिले की रहने वाली व दूसरे धर्म की है। कोर्ट व विवेचक को दिए बयान में महिला ने अपनी उम्र 35 वर्ष बताया है। जबकि उसका वास्तविक उम्र 55 साल है। परिवार के लोगों ने एडीजी जोन दावा शेरपा को मामले की जानकारी दी। उनके निर्देश पर एसपी नार्थ अरविंद पांडेय ने जांच की तो शिकायत सही मिली। जिसके बाद एसपी नार्थ ने इस प्रकरण की पुर्न विवेचना कराने के लिए एसएसपी को रिपोर्ट दी है।
केस डायरी वापस कराने के लिए भेजेंगे रिपोर्ट
मामले की विवेचना कर रहे सीओ कैंपियरगंज रहे दिनेश सिंह ने दुष्कर्म,मारपीट व दलित उत्पीड़न के मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है। जिसका कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। जांच में सामने आए नए तथ्य को विवेचना में शामिल करने के लिए एसएसपी कोर्ट में रिपोर्ट भेजकर केस डायरी वापस कराएंगे।