गलती रेलवे की, भुगत रहे अभ्यर्थी, जाने-क्या है मामला Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक लोको पायलट की भर्ती में वाराणसी मंडल के रिक्त पद दो बार जारी हो गए। इसका खामियाजा पूरी व्यवस्था और अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे की एक चूक ने भले ही 428 अभ्यर्थियों के लिए रोजगार का दरवाजा खोल दिया है, लेकिन सहायक लोको पायलट भर्ती प्रक्रिया ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक लोको पायलट की भर्ती में वाराणसी मंडल के रिक्त पद दो बार जारी हो गए। रेलवे प्रशासन को इसका पता चला, तबतक बहुत देर हो चुकी थी। खामियाजा पूरी व्यवस्था और अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है। दो साल बाद भी अभ्यर्थियों की तैनाती नहीं हो सकी है। रेलवे को बढ़े 428 पद पर चयनित अभ्यर्थियों को दूसरे जोन में पद सृजित कर समायोजित करना पड़ रहा है।
वाराणसी मंडल की गलती से बढ़ गए 428 पद
रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 3 फरवरी 2018 को सहायक लोको पायलट के 1234 पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। अगस्त 2018 में पदों की संख्या 1681 हो गई। उसी दौरान भर्ती बोर्ड ने बढ़े पदों पर प्रथम चरण की परीक्षा भी शुरू करा दी। जनवरी 2019 में दूसरे चरण की तथा मई 2019 में तीसरे चरण की परीक्षा पूरी हो गई। सितंबर 2019 में 1681 पदों के सापेक्ष पहले पैनल में 1377 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची भी जारी हो गई। मेडिकल जांच के बाद उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई, तो भर्ती बोर्ड ने रिक्त पदों का दोबारा आकलन किया। पता चला कि वाराणसी मंडल ने रिक्त 428 की जगह 856 पद सृजित कर दिया है। भर्ती बोर्ड के माथे बल पड़ गए। रेलवे प्रशासन ने आनन-फानन पैनल में शामिल 1377 पद के सापेक्ष 1098 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर हाथ खड़े कर लिए। शेष अभ्यर्थी विभाग के चक्कर लगाने लगे। मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया।
जांच के साथ पैनल के अभ्यर्थियों का शुरू हुआ समायोजन
रेलवे बोर्ड के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे ने दूसरे पैनल में और 202 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर समायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पैनल में अब कुल 1579 अभ्यर्थी शामिल हो गए हैं। इनमें 1098 को पहले ही मंडल आवंटित हो चुके हैं। समायोजन के साथ ही रेलवे प्रशासन ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।