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पंक्‍चर बनाने वाला बना जिला पंचायत सदस्‍य पद का उम्‍मीदवार, जानिए कैसे Gorakhpur News

पिछले दो दशक से साइकिल में पंक्‍चर लगाकर जीवन यापन करने वाले संतकबीर नगर जिले के मेंहदावल के मेंहाखोर गांव निवासी रामवृक्ष निषाद अब मेंहदावल वार्ड नंबर दो से बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 10:10 AM (IST)
पंक्‍चर बनाने वाला बना जिला पंचायत सदस्‍य पद का उम्‍मीदवार, जानिए कैसे Gorakhpur News
संतकबीर नगर के मेंहदावल के मेंहाखोर गांव निवासी रामवृक्ष निषाद। - जागरण

अतुल मिश्र, गोरखपुर : पिछले दो दशक से साइकिल में पंक्‍चर लगाकर जीवन यापन करने वाले संतकबीर नगर जिले के मेंहदावल के मेंहाखोर गांव निवासी रामवृक्ष निषाद अब मेंहदावल वार्ड नंबर दो से बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार है। बीते शुक्रवार को जैसे ही प्रदेश मुख्यालय से सूची जारी हुई तो रामवृक्ष की उम्मीदवारी ने सभी को चौका दिया। गली, मोहल्ले, कूचे पर चर्चा जोर पकड़ने लगी कि आखिर रामवृक्ष को टिकट कैसे मिल गया, जबकि इस सीट पर आधा दर्जन दिग्गज टिकट के लिए जोर लगा रहे थे। बीजेपी के कार्यकर्ता इस बात से खुश हैं कि जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिला है। जनता के इम्तिहान में पास होने के लिए रणनीति बनाई जाने लगी है। इंटरनेट मीडिया पर भी लोग बीजेपी के टिकट वितरण के इस विधा की सराहना कर रहे है। साइकिल में पंक्‍चन बनाने वाले रामवृक्ष अब चुनावी ताल ठोंकते नजर आएंगे।

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1990 से बीजेपी से जुड़े है रामवृक्ष

बात करने के दौरान रामवृक्ष ने बताया कि 1990 में राममंदिर आंदोलन के समय वह बीजेपी से जुड़े हैं। पार्टी के नीतियों का अनुसरण करते रहे। हर चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। सभी बैठकों में शामिल हुए। झंडा- बैनर थामकर हर आंदोलन में आगे रहे। कभी इस निष्ठा के बदले कुछ मांगा नहीं। अब पार्टी ने खुद ही इनाम दे दिया तो पूरी ताकत के साथ जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों व अन्य लोगों ने मदद का आश्वासन दिया है, अब चुनाव जीतकर पार्टी के विश्वास पर खरा उतरना है।

दो दशक से साइकिल में बना रहे पंक्‍चर

मेंहदावल विकास खंड के मेंहाखोर गांव के रहने वाले रामवृक्ष पिछले दो दशक से साइकिल में पंक्‍चर बनाने का काम कर रहे हैं। खेती के नाम पर आधा एकड़ खेत है, जिसमें सब्जी उगाते हैं। सब्जी की खेती व पंक्‍चर की दुकान से होने वाली आमदनी से पूरे परिवार का जैसे- तैसे खर्च चल रहा है। दुकान व खेती के अलावा पार्टी के लिए नियमित समय निकालकर गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। अब पार्टी ने टिकट थमाया है तो सुबह दुकान खोलकर दो घंटे बैठते हैं फ‍िर अपने समर्थकों व परिवार के साथ चुनाव प्रचार में निकल जाते हैं। पार्टी के कार्यकर्ता भी इनके साथ प्रचार में जुटे हुए है।


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