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Good News: इन नंबरों पर फोन कर एम्‍स के चिकित्‍सकों से घर बैठे ले सकते है चिकित्‍सकीय सलाह Gorakhpur News

Good News पूर्वांचल के लोगों के अच्‍छी खबर है। अब फोन पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के चिकित्‍सकों से सलाह ले सकते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 11:37 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 07:52 AM (IST)
Good News: इन नंबरों पर फोन कर एम्‍स के चिकित्‍सकों से घर बैठे ले सकते है चिकित्‍सकीय सलाह Gorakhpur News
Good News: इन नंबरों पर फोन कर एम्‍स के चिकित्‍सकों से घर बैठे ले सकते है चिकित्‍सकीय सलाह Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल के लोगों के अच्‍छी खबर है। अब फोन पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के चिकित्‍सकों से सलाह ले सकते हैं। इसके लिए एम्स ने दो फोन नंबर जारी कर दिए हैं। जिन मरीजों का पंजीकरण एम्स में हो चुका है, वे ही इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। फोन नंबर-  0551-2205501, 2205585 पर सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सुबह नौ से दोपहर बाद एक बजे तक मरीज संपर्क कर सकते हैं।

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14 विभागों में शुरू हुई ओपीडी की सुविधा

एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अश्वनी माहौर ने बताया कि एम्स में लॉकडाउन को देखते हुए 14 विभागों में ओपीडी सुविधा शुरू की गई है। इनमें सामान्य चिकित्सा विभाग, हड्डी रोग विभाग, श्वसन रोग, मनोरोग चिकित्सा, नाक, कान, गला रोग विभाग, शिशु रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र एवं चिकित्सा विभाग, त्वचा रोग, दंत चिकित्सा, शारीरिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग, विकिरण चिकित्सा विभाग, सामुदायिक मेडिसिन एवं फैमिली मेडिसिन की ओपीडी शामिल है। 

कैंसर अस्पताल ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान में लॉकडाउन की वजह से ओपीडी बंद है। ऐसे में मरीजों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। हनुमान प्रसार पोद्दार स्मारक समिति के सचिव उमेश कुमार सिंहानिया ने बताया कि केवल गंभीर मरीजों का इलाज इमरजेंसी सेवा में होगा। इसके लिए सुबह 10 बजे तक पंजीकरण हो सकेगा। इसके अलावा कैंसर रोगी सुबह 10 बजे से दोपहर बाद दो बजे तक 9369106142 और 9721526805 नंबरों पर संपर्क कर सलाह ले सकते हैं। दवा का असर नहीं हो रहा है या दवा खत्म हो गई हो तो परिजन आकर दवा ले सकते हैं। 

गांवों में बैठे मरीजों को मिल रही दिल्ली के डॉक्टरों की सलाह

गोरखपुर जिले के सुदूर गांवों में बैठे मरीजों को अब अपोलो व दिल्ली में बैठे बड़े डॉक्टरों का परामर्श मिलने लगा है, वह भी मात्र एक रुपये में। जिनकी फीस लगभग एक हजार रुपये है, वे सरकार की पहल पर अब गरीबों का इलाज मात्र एक रुपये में कर रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में गरीबों को राहत मिली है। आइटी मंत्रालय द्वारा अधिकृत जिले के 60 कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) सुबह आठ से रात आठ बजे तक टेली मेडिसिन के जरिये मरीजों की सेवा कर रहे हैं। अपोलो, वेलकम क्योर, ऑप्टिमस व डॉकओपीडी के लगभग 800 डॉक्टर गरीबों की सेवा के लिए उपलब्ध हैं।

यह है व्यवस्था

कोई मरीज कामन सर्विस सेंटर पर जाएगा। अपनी बीमारी बताएगा और एक रुपये जमा करेगा। सेंटर संचालक बीमारी के अनुसार संबंधित डॉक्टर से वीडियो कालिंग के जरिये बात कराएगा। बात होने के दो मिनट बाद सेंटर के मेल पर दवा का पर्चा आ जाएगा। पर्चा प्रिंट कर सेंटर संचालक मरीज को दे देगा। दवा मेडिकल स्टोर से लेनी पड़ती है।

इन्होंने लिया लाभ

कसिहार की मीना पांडेय को थायरायड की दिक्कत थी। उन्होंने कामन सर्विस सेंटर पर जाकर अपोलो के डॉक्टर से सलाह ली। दवा मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ी। अब उन्हें आराम है। यहीं के निखिलेश यादव ने भी दिल्ली के बड़े डॉक्टर से परामर्श लिया। उन्हें न्यूरो की समस्या है। यहां इलाज कराकर थक चुके थे। अब आराम है। पचगांवा, पिपराइच स्थित सेंटर पर दांत के दर्द से परेशान अनिल पटेल व बाल की समस्या से परेशान श्रीकांत ने अपना इलाज कराया। दोनों को काफी लाभ है। उनका कहना है कि हमने सोचा भी नहीं था कि एक रुपये में इतने बड़े डॉक्टरों को दिखा लेंगे।

रोज लगभग छह-सात मरीज आ जाते हैं। हमारे पास 800 डॉक्टरों की सूची है। संबंधित डॉक्टर से हम लोग बात करा देते हैं। इस कार्य में संतोष बहुत मिल रहा है। तीन मई के बाद वेबसाइट से ऑनलाइन दवा भी खरीदने की सुविधा रहेगी। - सुनील पांडेय, संचालक, कामन सर्विस सेंटर, कसिहार

लॉकडाउन के चलते एक साथ केवल दो ही मरीजों का डॉक्टरों से संपर्क कराया जा रहा है। जिसके पास एक रुपये नहीं होते हैं, उसे भी दिखा दिया जाता है। रुपया नहीं, सेवा महत्वपूर्ण है। यह करने में आनंद आ रहा है। - संदीप गुप्ता, संचालक, कामन सर्विस सेंटर, पचगांवा

मेडिकल कॉलेज को मिला 18 करोड़ का बजट

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में औषधि, रसायन व ऑक्सीजन के मद में 18 करोड़ का बजट सरकार ने दिया है। कोविड 19 को देखते हुए यह अन्य वर्षों की अपेक्षा ज्यादा है।  मेडिकल कॉलेज संवाददाता के अनुसार इस मद में सभी रोगों से संबंधित दवाएं, जांच किट आक्सीजन सिलेंडर व लिक्विड ऑक्सीजन की खरीदारी होती है। पिछले वर्ष अनेक किस्तों में लगभग 16 करोड़ का बजट मिला था, इस बार एकमुश्त मिला है। 

रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों को आज दी जाएगी ट्रेनिंग

शासन की ओर से रेलवे अस्पताल को कोरोना लेवल वन हॉस्पिटल के रूप में अधिग्रहीत किए जाने के बाद बुधवार को सीएमओ कार्यालय से वहां 20 वायल किट  (इस किट में कोरोना जांच के लिए नमूने लिए जाते हैं ) भेजी गई। गुरुवार को रेलवे अस्पताल के दो डॉक्टरों को कोरोना मरीजों की भर्ती और देखभाल से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। वे दोनों डॉक्टर अपने पूरे स्टॉफ को ट्रेंड करेंगे। 14 दिन वहीं का स्टॉफ मरीजों को देखेगा। उसके बाद जरूरत पड़ी तो स्वास्थ विभाग अपने स्टॉफ भेजेगा। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सांस के मरीज रेलवे अस्पताल में भी आते हैं, हर सांस के मरीज की कोरोना जांच कराई जा रही है। इसलिए वहां 20 वायल किट भेज दी गई है। जरूरत पडऩे और भी किट भेजी जाएगी।


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