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आर्थिक तंगी को मात देकर पिता के सपनों में रंग भर रही पूजा

देवरिया जिले के भलुअनी विकास खंड क्षेत्र में हाटा गांव की रहने वाली वालीबाल खिलाड़ी पूजा कन्नौजिया का बचपन भले मुफलिसी में गुजर रहा है लेकिन आर्थिक तंगी को सफलता की सीढ़ी बना कर वह लक्ष्य की तरफ लगातार आगे बढ़ रही है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 07:05 AM (IST)
आर्थिक तंगी को मात देकर पिता के सपनों में रंग भर रही पूजा
पिता की दुकान में कपड़े प्रेस करतीं देवरिया की वालीबाल खिलाड़ी पूजा। जागरण

गोरखपुर, सौरभ कुमार मिश्र। देवरिया जिले के भलुअनी विकास खंड क्षेत्र में हाटा गांव की रहने वाली वालीबाल खिलाड़ी पूजा कन्नौजिया का बचपन भले मुफलिसी में गुजर रहा है लेकिन आर्थिक तंगी को सफलता की सीढ़ी बना कर वह लक्ष्य की तरफ लगातार आगे बढ़ रही है। अपने पिता के सपनों में वह रंग भर रही है। जिला, मंडल के बाद अब वह राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर नाम रोशन कर रही है।

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कपड़ा प्रेस करते हैं पूजा के पिता

पूजा के पिता रामगुलाम शहर के भटवलिया में किराये के मकान में रहते हैं। वह लोगों का कपड़ा प्रेस कर परिवार का गुजारा करते हैं। चार संतानों में दूसरे नंबर की बेटी पूजा को भारतीय टीम के लिए खेलते हुए देखना चाहते हैं। पूजा पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है।

बचपन में ही पिता के काम में बंटाने लगी थी हाथ

पूजा छोटी उम्र से ही घर में पिता को कपड़े प्रेस करते देख धीरे-धीरे वह भी हुनर सीख ली। इसके बाद स्कूल में पढ़ाई के साथ घर में पिता के काम की व्यस्तता को देखते हुए खुद भी कपड़े प्रेस करने का काम काफी छोटी उम्र से करने लगी। गरीबी व लाचारी ने पीछा नहीं छोड़ा। लेकिन पूजा के पिता ने हिम्मत नहीं हारी। बेटी को बड़ी खिलाड़ी बनाने का सपना पूरा हो। इसके लिए उसे अपने पुश्तैनी काम में हाथ नहीं बटाने से मना कर दिया। लेकिन पिता को परेशान होता देख वह उनके काम में हाथ बटाते हुए खुद लोगों के कपड़े प्रेस करती हैं।

समय निकालकर स्‍टेडियम में प्रेक्टिस भी करती हैं

इसके बाद स्टेडियम जाती र्है। दो वर्ष से देवरिया आई है। प्रैक्टिस के लिए रोज स्टेडियम जाती है। उसके बाद घर आने पर कपड़ों का ढेर देखकर अपने को रोक नहीं पाती। फिर कपड़े करने लगती है। उसे कपड़े प्रेस करने में किसी तरह हा संकोच नहीं होता। उसकी साथी खिलाड़ी घर पर आती हैं लेकिन वह काम अधूरा नहीं छोड़ती है। पूजा के संघर्ष को देखकर हर कोई तारीफ करता है।

देश के लिए खेलने की है तमन्‍ना

वह देश के लिए खेलकर मेडल जीत कर अपने पिता की झोली में डालने की तमन्ना के साथ पसीना बहा रही है। स्पोर्ट्स हास्टल लखनऊ में वह दाखिला ली है। लेकिन कोविड के कारण दो वर्ष से देवरिया स्टेडियम में ही अभ्यास कर रही है। जिला क्रीड़ा अधिकारी केके पांडेय कहते हैं कि पूजा काफी मेधावी खिलाड़ी है। जो ठान लेती है करके दिखाती है। इससे काफी उम्मीदें हैं। वह अन्य जूनियर खिलाड़ियों के लिए नजीर है।

लगातार अर्जित कर रही सफलता

पूजा लगातार वालीबाल में सफलता के झंडे गाड़ रही है। वालीबाल मंडल स्तरीय 2019 में जीआईसी में आयोजित खेल में प्रथम स्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय में मंडल स्तरीय खेल में प्रथम स्थान, जिला स्तरीय वालीबाल प्रतियोगिता बालेपुर देवरिया में द्वितीय स्थान हासिल की है। 2019 में ही वालीबाल मिनी नेशनल शिरडी (महाराष्ट्र) में तीसरा स्थान, खेलो इंडिया गुवाहाटी,2020 में प्रतिभाग, सब जूनियर नेशनल वेल्लोर (तमिलनाडु) 2021 में यूपी की तरफ से प्रतिभाग की है। जूनियर नेशनल चैंपियनशिप वर्धमान (पश्चिम बंगाल) 2021 में उत्तर प्रदेश की बालिका टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।


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