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Lockdown में सर्राफा बाजार बंद रहने से ठप हो गया था व्यापार, अब रफ्तार में Gorakhpur News

गोरखपुर जिले में 22 मार्च से ही बाजार बंद थे। सराफा का बाजार इस दौरान पूरी तरह से ठंडा पड़ा था। बिक्री थी नहीं और खर्च बरकरार था। इस बीच सोना व चांदी का दाम बढ़ता गया। अब बाजार खुला तो कारोबार रफ्तार में आ गया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:49 AM (IST)
Lockdown में सर्राफा बाजार बंद रहने से ठप हो गया था व्यापार, अब रफ्तार में Gorakhpur News
गोरखपुर में सोने केे आभूषण की प्रतीकात्‍मक फाइल तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना काल में सोने-चांदी के भाव भले ही बढ़ते गए हों लेकिन सर्राफा बाजार की स्थिति ठीक नहीं थी। लॉकडाउन में लंबे समय तक दुकानें बंद रहने से कारोबार पूरी तरह ठप था। बंदिशों के बीच अनलॉक की शुरुआत में दुकान खुली जरूर लेकिन व्यापार सामान्य दिनों की तुलना में पांचवें हिस्से के बराबर ही था। पर, जैसे-जैसे बंदिशें हटती गईं, सर्राफा बाजार सुधार की पटरी पर दौडऩे लगा है। सर्राफा कारोबारी आने वाले दिनों में धनतेरस व लगन को लेकर काफी उत्साहित हैं।

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22 मार्च से ही बंद था बाजार

गोरखपुर जिले में 22 मार्च से ही बाजार बंद थे। सराफा का बाजार इस दौरान पूरी तरह से ठंडा पड़ा था। बिक्री थी नहीं और खर्च बरकरार था। इस बीच सोना व चांदी का दाम बढ़ता गया। अनलॉक के समय सप्ताह में कुछ दिन ही दुकान खोलने की अनुमति मिली। इसके बाद थानावार लॉकडाउन के कारण काफी समय तक प्रमुख सर्राफा बाजार बंद रहे। कोरोना काल से पहले की तुलना में अनलॉक के शुरुआती दिनों में व्यापार काफी कम रहा। बाजार की यह स्थिति अगस्त महीने तक जारी रही। जब थानावार लॉकडाउन समाप्त हुआ और दुकानों को छह दिन खोलने का आदेश मिला तो धीरे-धीरे ग्राहक दुकानों तक आते रहे। घर पर ही इलाज की सुविधा होने के कारण लोगों का मनोबल बढ़ता गया और वे घर से निकलने लगे। इसका असर बाजार पर बखूबी नजर आया।

नवंबर-दिसंबर की लगन ने बदल दिया नजारा

इस समय दुकानों में ग्राहकों की संख्या खूब नजर आ रही है। अप्रैल, मई व जून की अधिकतर शादियां नवंबर व दिसंबर महीने में शिफ्ट की गई हैं। शासन की ओर से शादी में आने वाले लोगों की संख्या में भी छूट दी गई है। शादी को देखते हुए लोगों ने आभूषणों की खरीदारी शुरू कर दी है। प्रमुख दुकानों में ग्राहकों की अ'छी-खासी संख्या नजर आ रही है। इसके साथ ही धनतेरस को लेकर भी सर्राफा कारोबारियों को काफी उम्मीद है।

सोना के बढ़े भाव से आभूषण के वजन में आयी कमी

कोरोना काल में सोना व चांदी का दाम आसमान छूने लगा था। बुधवार को सोना व चांदी, दोनों के दाम में कमी आयी है। व्यापारियों की मानें तो दाम में बढ़ोत्तरी से गत वर्ष की तुलना में बिक्री तो बहुत प्रभावित नहीं हो रही लेकिन आभूषणों के वजन पर असर पड़ रहा है। ग्राहकों को उनके बजट में आभूषण मुहैया कराने के लिए वजन में कटौती की जा रही है। 10 ग्राम की जबह सात ग्राम के आभूषणों ने ले ली है। इसी प्रकार अन्य वजन के आभूषणों पर भी फर्क पड़ा है। सोना का दाम बढऩे से सकरात्मक असर भी आया है। सुरक्षित निवेश मानकर लोग सोना खरीद रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दाम और बढ़ेंगे।-------------

ऑफरों की भरमार से दे रहे व्यापार को रफ्तार

लॉकडाउन के दौरान मंद पड़े व्यापार को रफ्तार देने के लिए सर्राफा कारोबारियों ने तरह-तरह के ऑफर दिए हैं। कहीं आभूषण की बनवाई पर छूट दी जा रही है तो कहीं सोना के आभूषण के साथ चांदी का आभूषण मुफ्त दिया जा रहा है। ऑफर का असर यह है कि ग्राहक दुकानों में सामान्य दिनों की तरह ही पहुंच रहे हैं।

ऑनलाइन बाजार का ट्रेंड पकड़ रहा जोर

सर्राफा कारोबार में बड़ी कंपनियां व बड़े व्यापारी ऑनलाइन बाजार पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। लॉकडाउन के समय से शुरू हुआ यह चलन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। तनिष्क के पवन अग्रवाल के अनुसार कुल बिक्री में पांच फीसद हिस्सेदारी ऑनलाइन बाजार की है। यहां वेबसाइट पर आभूषण पसंद करने व घर पर डिलीवरी मंगाने की सुविधा भी है। ऐश्प्रा समूह के चेयरमैन अतुल सराफ के अनुसार आनलाइन बाजार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि अगले छह महीने में काफी सुधार देखने को मिलेगा।

चांदी के सिक्कों की खूब मांग

धनतेरस हो या फिर शादी का मौसम, चांदी के सिक्कों की खूब मांग होती है। धनतेरस पर शुभ के लिए अधिकतर लोग एक से दो सिक्का खरीदते ही हैं। गोरखपुर में ऐश्प्रा की ओर से अपने ब्रांड का सिक्का बनवाया जाता है। चांदी के नोट की मांग अपेक्षाकृत कम होती है, यहां नोट कोई नहीं बनाता। अन्य व्यापारी बाहर से सिक्का मंगाकर बेचते हैं। कभी-कभी ग्राहक सिक्के पर शादी की तारीख, दूल्हा-दुल्हन का नाम भी छपवाना चाहते हैं, इसके लिए पहले से ऑर्डर लेकर सिक्का तैयार कराया जाता है।

कम आते हैं बाहर के व्यापारी

गोरखपुर को आमतौर पर सर्राफा का फुटकर बाजार माना जाता है। जिले के आसपास के क्षेत्रों से की कुछ व्यापारी ही यहां हैं। गोरखपुर में सर्राफा का पुराना बाजार हिन्दी बाजार में है। अब गोलघर व अन्य प्रमुख बाजारों में भी शोरूम खुले गए हैं।

स्वैच्छिक हो कोरोना जांच

दुकानदारों का कहना है कि उनकी ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं। व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं सर्राफा कारोबारी पुष्पदंत जैन ने बताया कि प्रशासन कोरोना जांच को अनिवार्य न करे। इसे स्वैच्छिक होना चाहिए।

एक सप्ताह में बंट सकती है भीड़

इस बार सर्राफा कारोबारियों का मानना है कि ग्राहक समझदारी दिखाएंगे और धनतेरस के दिन भीड़ लगाने की बजाय एक सप्ताह में अलग-अलग दिन खरीदारी कर लेंगे। भले ही आभूषण की डिलीवरी धनतेरस के दिन लें। इससे शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करने में आसानी होगी।

व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्‍यक्ष एवं सर्राफा कारोबारी पुष्‍पदंत जैन का कहना है कि लॉकडाउन के कारण सर्राफा बाजार में सन्नाटा छा गया था लेकिन अब स्थिति सुधर रही है। इस बार लगन भी केवल नवंबर व दिसंबर महीने में है। इसलिए ग्राहक दुकानों तक आ रहे हैं। उम्मीद है कि आगे और सुधार नजर आएगा। ऐश्प्रा समूह के अध्‍यक्ष अतुल सर्राफ का कहना है कि वर्तमान समय में काफी अ'छा रिस्पांस मिल रहा है। पिछले साल इसी समय से तुलना करें तो इस बार बाजार बेहतर है। इसका प्रमुख कारण कोरोना को लेकर भय दूर होना, लगन को लेकर खरीदारी शुरू होना व शत-फीसद शुद्ध आभूषण का मिलना है। धनतेरस पर इस साल 15 फीसद बिक्री बढ़ सकती है। दाम बढऩे का सकारात्मक असर पड़ रहा है। तनिष्‍क के पवन अग्रवाल का कहना है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन खरीदारी हुई थी। इस समय बिक्री में काफी सुधार आया है। ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन खरीदारी भी खूब हो रही है। कंपनी की ओर से कई तरह के आफर दिए जा रहे हैं। कोविड 19 के संक्रमण से बचाव को लेकर सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं। पीसी ज्‍वेलर्स के संजय अग्रवाल का कहना है कि जब दुकान बंद थी, उसी समय असर पड़ा। सप्ताह में तीन दिन दुकान खुलने पर भी 60 से 70 फीसद कारोबार हो रहा था। इस समय 100 फीसद कारोबार है। कोरोना संक्रमण की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, जिससे स्थिति आगे और बेहतर होने की उम्मीद है। सर्राफा मंडल के अध्‍यक्ष पंकज गोयल का कहना है कि लॉकडाउन में कारोबार काफी प्रभावित हुआ था लेकिन धीरे-धीरे अब सुधार आ रहा है। सभी व्यापारियों के कारोबार में वृद्धि देखी जा रही है। लगन के चलते स्थिति और सुधरेगी।

क्या हैं चुनौतियां और उम्‍मीदें

कोविड संक्रमण से ग्राहकों, कर्मचारियों व स्वयं को बचाए रखना।  धनतेरस पर होने वाली भीड़ को नियंत्रित करना। अधिक कीमत के बीच ग्राहकों को उनके बजट में आभूषण उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। जहां तक उम्‍मीदों की बात है तो धनतेरस व लगन के चलते बढ़ेगी खरीदारी, पिछले साल की तुलना में बेहतर होगा धनतेरस का बाजार और शासन की ओर से दुकानें नहीं बंद करायी जाएंगी।

प्रमुख बाजार

गोरखपुर में सर्राफा से जुड़ी दुकानें 300 से अधिक दुकाने हैं। घंटाघर, गोलघर, असुरन चौक, रुस्तमपुर, अलीनगर, कूड़ाघाट आदि इसके प्रमुख बाजार हैं। पिछले साल धनतेरस का बाजार करीब 10 करोड़ का था, इस साल धनतेरस पर 15 फीसद की बढ़ोत्तरी बिक्री में हो सकती है।


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