गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीटेक और बीएससी एजी की कक्षाओं का संचालन शुरू
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत पहली बार संचालित हो रहे बीटेक बीएससी (एजी) समेत अन्य पाठ्यक्रमों की कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया है। साथ ही प्रयोगात्मक कक्षाओं की कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत पहली बार संचालित हो रहे बीटेक, बीएससी (एजी) समेत अन्य पाठ्यक्रमों की कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया है। साथ ही प्रयोगात्मक कक्षाओं की कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। पहले सेमेस्टर में बीटेक की प्रैक्टिकल कक्षाओं का संचालन भौतिकी, रसायन, इलेक्ट्रानिक्स और कंप्यूटर विभाग के लैब में होगा। इसके लिए 30-30 विद्यार्थियों का बैच बनाया जाएगा। जबकि कृषि का प्रैक्टिकल बाटनी, जूलोजी, भौतिकी, रसायन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में सप्ताह में दो दिन अलग-अलग बैच में कराया जाएगा।
कक्षाएं चलने को लेकर कुलपति ने की बैठक
प्रैक्टिकल कक्षाओं के संचालन को लेकर कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। कुलपति ने कहा कि मूल्यांकन भवन में डाटा माइनिंग लैब, साइबर सिक्योरिटी लैब, साइबर ला, स्ट्रक्चरल लैब, रोबोटिक्स, मॉडर्न आईटी कंप्यूटर लैब्स और वर्चुअल क्लास रूम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गेस्ट फैकल्टी और नियमित शिक्षकों के सहयोग से टाइम-टेबल ऐसे तैयार किया गया हैं, जिससे विभाग में संचालित अन्य कक्षाओं में किसी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो।
नई शिक्षा नीति मल्टी डिस्पिलिनरी को फोकस करती है नई शिक्षा
नई शिक्षा नीति मल्टी डिस्पिलिनरी सोच पर फोकस करती है। बैठक में इंजीनियरिंग और कृषि विभाग के समन्वयकों ने सैद्धांतिक कक्षाओं की वर्तमान प्रगति कुलपति के समक्ष प्रस्तुत की। साथ ही साथ इन विषयों के लैब का निर्माण कार्य पूर्ण होने तक वैकल्पिक रूप से प्रैक्टिकल कक्षाओं के संचालन पर विभागाध्यक्षों से चर्चा की।
प्रैक्टिकल कक्षाओं के संचलन को लेकर हुआ मंथन
तय हुआ कि प्रैक्टिकल का आयोजन परंपरागत रूप से चलने वाली कक्षाओं से रिक्त बचे हुए समय में किया जाएगा। सुबह 8 से 10 बजे तक कृषि और इंजीनियरिंग के प्रैक्टिकल कक्षाओं के संचालन पर मंथन हुआ। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के डाटा सेंटर और कंप्यूटर सेंटर को जोड़ा जाएगा। इससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सहूलियत होगी।