नगर शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट-मनोरंजन में थे मशगूल, इसलिए नहीं गए स्कूल Gorakhpur News
ऐसे कारणों से भरी नगर शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट को अविश्वसनीय मानते हुए बीएसए ने दोबारा समीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति की जो वजहें पता चली हैं, वह चौंकाने वाली हैं। गैरहाजिर ज्यादातर छात्र-छात्राएं खिचड़ी और माघ मेला घूमने में मशगूल बताए गए तो कई शादी-विवाह में व्यस्तता के चलते स्कूल नहीं गए। छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारियों ने भी छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने से रोक दिया। ऐसे कारणों से भरी नगर शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट को अविश्वसनीय मानते हुए बीएसए ने दोबारा समीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं।
विद्यार्थियों की कम उपस्थिति पर बीएसए ने मांगा था स्पष्टीकरण
जनवरी के निरीक्षण रिपोर्ट में नामांकन के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति पर बीएसए ने नगर शिक्षा अधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा था। नगर शिक्षा अधिकारी ने संबंधित प्रधानाध्यापकों से कारणों के साथ अपने विद्यालय की रिपोर्ट देने को कहा। स्कूलों से आई सूचनाओं के आधार पर नगर शिक्षा अधिकारी ने जो समग्र रिपोर्ट तैयार की, वह न केवल व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली बल्कि सभी को हैरत में डालने वाली थी।
नगर शिक्षा अधिकारी ने बताई वजहें
नगर शिक्षा अधिकारी ने नामांकन के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति पर जो रिपोर्ट प्रेषित की है वह काफी चिंताजनक है। उन्होंने लिखा है कि खिचड़ी मेला और माघ में गंगा स्नान, घर-रिश्तेदारी में शादी-विवाह, भारत बंद की अफवाह, किराये का मकान बदला गया, छात्रों के मुकाबले शिक्षकों की कमी, स्कूलों में सुविधाओं का अभाव और बच्चों का विद्यालय देर से आना ही प्रमुख कारण है।
नगर शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं
इस संबंध में बीएसए भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि नगर शिक्षाधिकारी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, वह विश्वसनीय नहीं है। इसकी पुन: समीक्षा की जा रही है, जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।